केंद्रीय बैंक के एक अधिकारी ने बुधवार को कहा कि चीन कम वित्तीय आय के प्रभाव को संतुलित करने और व्यापक सुधारों में सहयोग देने के लिए अपने बजटीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के चार प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।
‘द इकॉनोमिक डेली’ में प्रकाशित एक लेख में सेंट्रल बैंक के सर्वेक्षण एवं सांख्यिकीय विभाग के निदेशक शेंग सोंगचेंग ने कहा कि घाटा बढ़ने से सरकार के लिए जोखिम नहीं बढ़ेगा।
चीन ने 2015 में अपना बजटीय घाटा जीडीपी का 2.3 प्रतिशत बढ़ाया है, जो 2014 के 2.1 प्रतिशत से अधिक है।
शेंग ने कहा कि कोई सार्वभौमिक रेखा नहीं होनी चाहिए। देश के कर्ज संतुलन, संरचना, आर्थिक परिस्थितियों और ब्याज दर के स्तरों के आधार के अनरूप अनुपात होना चाहिए।