नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी मंगलवार को राष्ट्रपति भवन के कल्चरल सेंटर में राष्ट्रीय भू विज्ञान पुरस्कार – 2014 प्रदान करेंगे। यह सम्मान भू विज्ञान, खनन तथा संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान और असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है।
इस वर्ष 33 भू वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय भू विज्ञान पुरस्कारों (एनजीए-2014) से सम्मानित किया जाएगा। पीआरएल अहमदाबाद के मानद प्रोफेसर प्रो. ए. के. सिंघवी चतुधार्तुक भूविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उत्कृष्टता का पुरस्कार प्राप्त करेंगे। आईआईटी कानपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. इन्द्र कुमार सेन पृथ्वी के भू रासायनिक उद्भव के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए युवा वैज्ञानिक का पुरस्कार प्राप्त करेंगे।
राष्ट्रीय भू विज्ञान पुरस्कारों को पहले राष्ट्रीय खनिज पुरस्कारों के नाम से जाना जाता था। जिनकी शुरूआत 1966 में खान मंत्रालय द्वारा की गई थी।
राष्ट्रीय भू विज्ञान पुरस्कारों में नकद पुरस्कार और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। अभी तक (एनजीए-2013 तक) 721 भू विज्ञानिकों को राष्ट्रीय भू विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
राष्ट्रीय भू विज्ञान पुरस्कारों में 1 पुरस्कार उत्कृष्टता के लिए, 1 युवा वैज्ञानिक पुरस्कार तथा 16 भू विज्ञान क्षेत्रों में 19 व्यक्तिगत तथा टीम पुरस्कार भी शामिल हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय इस्पात और खान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, इस्पात और खान राज्य मंत्री विष्णुदेव साई, खान मंत्रालय के बलविंदर कुमार, खान और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी और भू वैज्ञानिक संस्थाओं के प्रमुख उपस्थिति रहेंगे।