नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार की आय बढ़ाने के उद्देश्य से गुरुवार को कहा कि 10 करोड़ लोगों को कर के दायरे में लाया जाना चाहिए, जिनकी संख्या अभी 5.3 करोड़ है।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा, “देश में कुल 25 करोड़ परिवार हैं। इनमें से 10 करोड़ की गैर-कृषि आय है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कर वसूली के दायरे में 10 करोड़ लोगों को लाने की अपील की है।”
अधिया ने हालांकि कर वसूली के दायरे में 10 करोड़ लोगों को लाने के लिए किसी समय सीमा का जिक्र नहीं किया।
प्रधानमंत्री ने कर अधिकारियों से यह भी कहा कि वे आम लोगों के मन से उत्पीड़न का भय समाप्त करें। उन्होंने राजस्व, जवाबदेही, ईमानदारी, सूचना और डिजिटाइजेशन (रैपिड) की वकालत की।
वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, “प्रधानमंत्री ने रैपिड फार्मूला देते हुए कहा कि यह कर प्रशासन के पांच स्तंभ हैं।”
प्रधानमंत्री ने करदाताओं और कर विभाग के बीच अविश्वास को दूर किए जाने की भी अपील की।
सिन्हा और अधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन -राजस्व ज्ञान संगम- में कर अधिकारियों को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से ये बातें कहीं।
सम्मेलन में मौजूदा वित्तवर्ष में अधिकारियों के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
राजस्व सचिव ने कहा कि मोदी ने सीबीडीटी और सीबीईसी के अधिकारियों के सुझाव सुने।
अधिकारियों ने कर प्रशासन और लोक हितैषी कर व्यवस्थाओं के बीच के द्वंद्व के बारे में बताया।
सिन्हा ने हालांकि स्पष्ट किया कि दोनों जरूरी है।
मोदी ने अपने भाषण में सीबीडीटी और सीबीईसी के डिजिटलीकरण की तरफ बढ़ने पर भी जोर दिया।
सिन्हा ने कहा, “अभी 90 फीसदी रिटर्न ई-फाइलिंग के द्वारा दाखिल किए जाते हैं।”