वाशिंगटन, 16 जून (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से व्हाइट हाउस में ‘निजी’ मुलाकात की। चीन ने ओबामा और दलाई लामा की इस मुलाकात की आलोचना करते हुए इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
चीन के एक समाचारपत्र ने कहा है कि इस मुलाकात से ओबामा का ‘स्वार्थी पहलू’ दिखाई देता है।
दोनों नेताओं के बीच बुधवार को मैप रूम में हुई इस मुलाकात को व्हाइट हाउस ने एक निजी मुलाकात बताया है। मुलाकात में मानवाधिकारों से लेकर जलवायु परिवर्तन समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
बीजिंग ने इस मुलाकात पर कड़ा विरोध जताया है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा कि मुलाकात स्थल से साफ जाहिर होता है कि यह एक निजी मुलाकात थी, न कि औपचारिक द्विपक्षीय बातचीत।
अर्नेस्ट ने कहा, “दलाई लामा और राष्ट्रपति ओबामा दोनों अमेरिका और चीन के बीच रचनात्मक और उत्पादक संबंधों के महत्व को समझते हैं।”
अर्नेस्ट ने कहा, मुलाकात के दौरान ओबामा ने अमेरिका के पक्ष को दोहराते हुए कहा कि तिब्बत चीन का हिस्सा है और वाशिंगटन तिब्बत की आजादी का समर्थन नहीं करता। राष्ट्रपति ने मतभेदों को दूर करने के लिए दलाई लामा और उनके प्रतिनिधियों से चीनी अधिकारियों के साथ सीधे तौर पर बातचीत करने का भी आग्रह किया।
अर्नेस्ट ने कहा कि दलाई लामा ने फिर से इस बात की पुष्टि की है कि वह तिब्बत की आजादी की मांग नहीं कर रहे और चीनी सरकार के साथ फिर से बातचीत शुरू करना चाहते हैं।
हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उन्होंने बीजिंग स्थित अमेरिकी दूतावास से गंभीर अभ्यावेदनों में इस मुलाकात के प्रति अपनी नाराजगी जताई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बुधवार को कहा, “हम इस बात पर जोर देते हैं कि तिब्बत मुद्दा चीन का आंतरिक मामला है और अन्य देशों को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।”
चीन के अग्रणी समाचार पत्र ‘द ग्लोबल टाइम्स’ में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा गया है कि इस मुलाकात से ओबामा का ‘स्वार्थी पहलू’ सामने आया है।
संपादकीय के मुताबिक, “हालांकि ओबामा कहते हैं कि वे चीन की शांतिपूर्ण प्रगति का स्वागत करते हैं, लेकिन दलाई लामा के साथ उनकी मुलाकात से उनकी ईमानदारी पर भरोसा खत्म हुआ है। इससे जाहिर होता है कि वह चीन के लिए समस्याएं पैदा करने में दलाई लामा की मदद कर रहे हैं।”
संपादकीय में कहा गया है, “दलाई लामा से अपने पश्चिमी समकक्षों से भी ज्यादा मुलाकातें करके ओबामा ने गलत उदाहरण पेश किया है।”