तिरुवनंतपुरम, 17 जून (आईएएनएस)। गुजरात पुलिस के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी आर.बी. श्रीकुमार ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें गुलबर्ग सोसाइटी जनसंहार कांड में अदालत के फैसले से निराशा हाथ लगी है।
इस कांड में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित गुलबर्ग सोसाइटी के 69 लोगों की मौत हो गई थी।
केरल से ताल्लुक रखने वाले और गुजरात के गांधीनगर शहर में रहने वाले श्रीकुमार ने कहा, “69 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा और सिर्फ 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। यह गलत है।”
श्रीकुमार उस वक्त गुजरात पुलिस में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक थे।
अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को गुलबर्ग सोसाइटी जनसंहार कांड में 24 में से 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
12 दोषियों को सात साल और एक दोषी को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है।
श्रीकुमार ने कहा कि मामले की जांच करने वाली आर.के. राघवन के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट देने के लिए ‘विशेष बचाव टीम’ की तरह काम किया।