नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने मंगलवार को अपने मंत्रालयों और विभागों की वित्तीय सीमा में बढ़ोतरी की है और मंत्रियों को 500 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार दे दिया है। पहले यह सीमा 150 करोड़ रुपये की थी।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, “मंत्रालय के प्रभारी अब 500 करोड़ रुपये से कम की गैर योजना मद वाली परियोजनाओं को अपने स्तर से मंजूरी दे सकेंगे। पहले मंत्री 150 करोड़ रुपये से कम की परियोजनाओं को ही मंजूरी दे सकते थे।”
इसमें कहा गया है, “वित्तमंत्री 500 करोड़ रुपये से लेकर 1000 करोड़ रुपये तक की योजनाओं को मंजूरी देने में सक्षम हैं। लेकिन 1000 करोड़ रुपये से ऊपर की योजनाओं को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ही अनुमति दे सकती है।”
बयान में कहा गया है कि अब 300 करोड़ रुपये से कम की गैरयोजनागत परियोजना का आकलन मंत्रालय या संबंधित मंत्रालय की स्थायी वित्त समिति कर सकेगी।
इसमें कहा गया है, “संशोधित प्रतिनिधिमंडल के अनुसार, गैर योजनागत व्यय पर बनी समिति (सीएनई) अब केंद्रीय मंत्रालय या विभागों की 300 करोड़ रुपये से ऊपर की सभी गैर योजनागत प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगी, जबकि पहले यह सीमा 75 करोड़ रुपये थी।”
वित्त मंत्रालय ने कहा कि मूल्यांकन और लागत अनुमान में वृद्धि की वित्तीय सीमा में भी संशोधन किया गया है।
वित्त मंत्रालय ने कहा, “अगर किसी परियोजना के बजट में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी होती है तो उसका मूल्यांकन वित्तीय सलाहकार करेंगे और अगर वह 75 करोड़ रुपये तक होती है तो उसे प्रशासनिक विभाग के सचिव मंजूरी दे सकेंगे। इसके उपर होने पर संबंधित मंत्री की मंजूरी लेनी होगी।”
सरकार ने कहा कि योजनागत और गैरयोजनागत खर्च को मंजूरी देने की वित्तीय सीमा बढ़ाने से परियोजनाओं के मूल्यांकन और मंजूरी देने की प्रक्रिया में तेजी आएगी।