वाराणसी-अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा अाश्रम पड़ाव वाराणसी मे आज भी कुष्ठ रोग के ऐसे गम्भीर रोगियों को भर्ती कर के मुफ्त मे किया जाता है उनका इलाज ।
यहाँ भर्ती रोगीयों की सेवा जिस तनमयता के साथ किया जाता है उतनी तनमयता के साथ तो विश्व के किसी मन्दिर मस्जिद या गिरजा घरों मे स्थापित भगवान अल्लाह या मसीह का भी नही होता होगा ।
रिद्धि सिद्धि के दाता महान औघड़ संत पूज्य अघोरेश्वर महाप़भु द्वारा जब श्री सर्वेश्वरी समूह की स्थापना की गयी तो आश्रम मे सर्व प़थम मन्दिर के जगह पहला भवन कुष्ठ अस्पताल व भर्ती वार्ड का ही बनाया गया और उस समय खुद परम पूज्य अपने हाथ से ही कुष्ठियों के घाव की सफाई कर उस पर मलहम पट्टी लगाते थे ।
अपनी चिकित्सा पद्धति से इलाज कर विश्व मे सबसे अधिक कुष्ठ रोगी ठीक करने के लिए संस्था का नाम गिनीज बुक व लिमका बुक आफ वर्ड मे बहुत पहले ही दर्ज हो चुका है ।
वर्तमान में पीठाधीश्वर गुरुपद संभव रामजी के निर्देशन में यह पुनीत कार्य चल रहा है.गुरुपद जी ने अघोरेश्वर के चलाये इस मिशन को गति प्रदान की और पीड़ितों की सेवा को एक आयाम प्रदान किया.
इस अस्पताल की स्थापना जनवरी 1962 में की गयी थी.पुरुषों के लिए 40 बिस्तरों का एवं महिलाओं के लिए 10 बिस्तरों का सुसज्जित अस्पताल यहाँ निर्मित किया गया है.इन्हें अपना भोजन स्वयं बनाने के लिए स्वयं का भोजनालय उपलब्ध है एवं नियमित चिकित्सा उपरान्त ये अपने दैनिक कार्यो में व्यस्त हो जाते हैं.साफ़ सफाई,अपने लिए सब्जियां उगाना और भोजन बनाना इनके दैनिक कार्यों में सम्मिलित है.
ये अपनी दैनिक प्रार्थना और ध्यान भी करते हैं,इनके लिए एक अलग कमरा इनकी रूचियों के अभिव्यक्ति के लिए भी है जो इन्हें शीघ्र स्वस्थ होने में सहायक है.
उत्तर प्रदेश के रायबरेली शहर में भी इस अस्पताल की एक शाखा संचालित है.