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भोपाल: गोडसेवादी के प्रवेश पर कोहराम

February 26, 2021 10:09 pm by: Category: राजनीति Comments Off on भोपाल: गोडसेवादी के प्रवेश पर कोहराम A+ / A-

भोपाल- कांग्रेस में ‘गोडसेवादी’ नेता की आमद ने नये कोहराम की भूमिका रच दी है. इससे मप्र कांग्रेस के भीतर नेताओं के बीच की संवादहीनता भी सतह पर है और विचारों को लेकर टकराव भी सामने आ गया है. तीन साल में पहली बार कमलनाथ के फैसले पर किसी नेता ने पूरी ताकत से उंगली उठाई है. ग्वालियर में नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने वाले हिंदु महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया का प्रवेश, तीन साल पहले गुलाब सिंह किरार के चंद घंटों के कांग्रेस प्रवेश जैसा ही मामला बन गया है, तब राहुल गांधी के सख्त रुख के बाद किरार को कांग्रेस से विदा किया गया था.पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस मामले में भी पार्टी हाइकमान की तरफ से ही मप्र इकाई को संदेश किसी सघन संवाद की कमी को भी रेखांकित कर भेजा जा सकता है, क्योंकि पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव का कल का ट्वीट व आज का बयान दिल्ली में तेजी से सरगोशी कर रहा है.

उन्होंने चैरसिया के प्रवेश पर लिखा है- बापू हम शर्मिंदा हैं, व आज हर नुकसान झेलने की बात कही जा रही है. प्रियंका-राहुल को टैग ट्वीट के बाद दिल्ली में एक बड़े पदाधिकारी ने मप्र के इस घटनाक्रम की जानकारी मांगी है. उधर आरएसएस व गोडसे के बारे में तीखे तेवर रखने वाले दिग्विजय सिंह की खामोशी को भी खिन्नता माना जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि मप्र कांग्रेस इस मामले में भाजपा के हमलों से जितनी विचलित नही है,उतनी अरुण यादव के बैकफुट पर पार्टी ट्वीट से उलझ गई है.कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में ही चौरसिया की अगुवाई में गोडसे का मंदिर बनाने का मामला सामने आया था, बाद में नाथ सरकार ने ही प्रकरण भी दर्ज किया था. विवाद के बाद अब पार्टी बैकफुट पर है और इसे ग्वालियर के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक की पहल बता रही है. नाथ के मीडिया कार्डिनेटर नरेंद्र सलूजा पार्टी के भीतर किसी संवादहीनता से इंकार करते है और कहते है. यदि चौरसिया अपनी विचारधारा नहीं बदलते तो गलत होता, वे कह चुके हैं कि भाजपा ने उन्हें अंधेरे में रखा.
जानकारों का कहना है कि ग्वालियर में भाजपा की राजनीतिक धार कमजोर करने की कोशिशों के तहत चौरसिया को प्रवेश दिया गया है. लेकिन अरुण यादव जैसे सीनियर नेता के तेवर से मामला उलट गया है और ग्वालियर के ही कांग्रेसी हताश हैं उल्लेखनीय है कि तीन वर्ष पहले विस चुनाव के ऐन पूर्व मप्र कांग्रेस ने भाजपा नेता गुलाबसिंह किरार को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी,तब राहुल गांधी भी इंदौर में थे,जब उनके व्यापमं आरोपी होने का बवाल उठा तो हाइकमान के संकेत पर पार्टी ने उनसे किनारा किया, खुद राहुल ने ट्वीट किया कि यह मामला उनकी जानकारी में नहीं था.

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