
उन्होंने कहा कि उन्होंने भाजपा की वर्तमान व्यवस्था के उम्मीद खो दी है। पार्टी को वर्तमान में एक राजनीतिक विकल्प की जरूरत थी। प्रद्युत का कहना है हालाँकि उन्हें असम से कांग्रेस और आप की और से पार्टी से जुड़ने के ऑफर आये हैं लेकिन उन्होंने इसमें रूचि नही दिखाई। हालाँकि असम के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने बोरा के इन आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि यह बयान ऐसे व्यक्ति ने दिया है, जिसका खुद लोगों से संपर्क नहीं है।
अपने चार पन्नों के त्यागपत्र में 40 साल के प्रद्युत का कहना है कि वह नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की कार्य करने की शैली से अपने आप को सहमत नही पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी ने देश के लोगतंत्रिक परंपरा को को नुकसान पहुँचाया है। उनका कहन अहै कि प्रधानमन्त्री को सबके लिए बराबर का जिम्मेदार होना चाहिए। असम में आगामी विधानसभा चुनाव के लिहाज से यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका हो सकता है।