भोपाल : गुड गवर्नेंस के लिये निष्पक्ष चुनाव जरूरी हैं। सभी जिला कलेक्टर नगरीय निकाय एवं त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव को भी गंभीर चुनौती के रूप में लें। यह बात आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग श्री आर. परशुराम ने आज ग्वालियर में ग्वालियर-चम्बल संभाग के नगरीय निकाय एवं त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव तैयारी की समीक्षा करते हुए कही। उन्होंने स्थानीय निकाय चुनाव में उपयोग में लाई जाने वाली ई.व्ही.एम. के भण्डारण की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये।
बैठक में ग्वालियर-चम्बल संभाग के आयुक्त सहित सभी जिला कलेक्टर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी मौजूद थे।
पहली बार ई.व्ही.एम. से होंगे स्थानीय निकाय के चुनाव
श्री परशुराम ने जानकारी दी कि देश में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से नगरीय निकाय एवं त्रि-स्तरीय पंचायत के चुनाव करवाने का मौका महाराष्ट्र के साथ मध्यप्रदेश को भी मिलने जा रहा है। सभी जिला कलेक्टर इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करें और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शिता के साथ ई.व्ही.एम. से चुनाव करवाकर देश में एक मिसाल कायम करें।
विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव से भिन्न होगी ई.व्ही.एम.
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रस्तावित नगरीय निकाय एवं त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में प्रयुक्त होने वाली ई.व्ही.एम. विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव की ई.व्ही.एम. से थोड़ी भिन्न होगी। इस ई.व्ही.एम. में 8 तरह के चुनाव एक साथ करवाये जा सकते हैं। साथ ही ई.व्ही.एम. में ऐसी व्यवस्था है, जिससे मतदान शुरू होने और मतदान समाप्त होने की तिथि स्वत: दर्ज हो जायेगी। ई.व्ही.एम. में एक विशेष डिवाइस ‘डीएमएम” लगी होगी। इसी में मतदान का सम्पूर्ण ब्यौरा दर्ज होगा। डीएमएम (डिचेबल मेमोरी मॉड्यूल) को सुरक्षित रखकर कंट्रोल यूनिट को अन्य चुनाव के लिये उपयोग में लाया जा सकेगा। दृष्टि-बाधित मतदाता भी इस ई.व्ही.एम. से वोट डाल सकें, इसके लिये इसमें ब्रेल-लिपि की व्यवस्था भी रहेगी। इसमें नोटा बटन का भी प्रावधान किया गया है।
ग्वालियर कलेक्टर ने प्रशिक्षण मॉड्यूल की सी.डी. सौंपी
नगरीय निकाय एवं त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में उपयोग में लाई जाने वाली नई तरह की ई.व्ही.एम. से मतदान एवं मतगणना करने का प्रशिक्षण देने के लिये ग्वालियर जिले में प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया है। कलेक्टर श्री पी. नरहरि ने इसकी वीडियो सी.डी. श्री परशुराम को सौंपी।
अन्य प्रमुख बिन्दु
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हर जिले में 3 चरण में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव और 2 चरण में होंगे नगरीय निकाय चुनाव।
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महापौर एवं नगर पालिका अध्यक्ष की चुनाव व्यय सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव। दस लाख से अधिक आबादी वाले शहर के लिये 35 लाख और इससे कम आबादी वाले शहर के लिये 15 लाख रुपये की व्यय सीमा प्रस्तावित।
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नगरीय निकाय एवं पंचायतों के परिसीमन पर भी हुई चर्चा।
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स्थानीय निकाय चुनाव में होगा आई.टी. का भरपूर उपयोग।