अराजपत्रित पुलिसकर्मियों के लिए बनेंगे 8000 मकान, दो नई तहसील
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रि-परिषद् की बैठक में निजी पूँजी निवेश के मामलों में सरकारी दखल-रहित भूमि के आवंटन के लिए नीति को मंजूरी दी गई।
वर्तमान में निवेशकों, उद्योगों, कम्पनियों को भूमि आवंटन विभिन्न विभाग की विभागीय नीति के अंतर्गत संबंधित विभाग द्वारा किया जाता है। इस व्यवस्था में अब परिवर्तन किया गया है। अब मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं औद्योगिक भवन प्रबंधन नियम-2008 के अंतर्गत औद्योगिक विकास केन्द्रों के भीतर तथा बाहर वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार विभाग को तथा सूचना प्रौद्योगिकी पार्क के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को राजस्व विभाग द्वारा भूमि हस्तांरित की जायेगी। इसे उद्योग विभाग एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग अपनी विभागीय नीतियों के अंतर्गत परीक्षण कर निवेशकों को आवंटित करेंगे।
नई व्यवस्था में आवंटन योग्य शासकीय दखल-रहित भूमियों का लेण्ड-बैंक तैयार किया गया है, जिसे आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। निवेशक उपलब्ध भूमियों में से अपने लिए उपयुक्त भूमि का चयन कर परियोजना से संबंधित विभागीय नीति के अंतर्गत संबंधित विभाग को भूमि आवंटन के लिए आवेदन करेंगे। वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार विभाग तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को छोड़कर अन्य विभागों की नीतियों से संबंधित निवेश प्रस्तावों के लिए एक इंटीग्रेटेड लेण्ड एलाटमेंट सिस्टम बनाया जा रहा है। इसमें निवेशकों द्वारा भूमि आवंटन का आवेदन दिये जाने पर विभाग निवेशक की परियोजना का परीक्षण कर न्यूनतम भूमि की आवश्यकता का आकलन करते हुए संबंधित जिला कलेक्टर को भेजेगा। कलेक्टर आवेदनों का परीक्षण और आपत्ति/सुझाव बुलवाकर उनका निराकरण करेंगे। पात्रता होने पर भूमि आवंटन की कार्यवाही की जायेगी।
भूमि आवंटन के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को नगरीय क्षेत्र में 4000 वर्ग मीटर या नगरेत्तर क्षेत्र में 2 हेक्टेयर या एक करोड़ रुपये मूल्य तक की भूमि का आवंटन करने के अधिकार होंगे। संभागीय स्तर पर गठित समिति को नगरीय क्षेत्र में एक हेक्टेयर या नगरेत्तर क्षेत्र में 5 हेक्टेयर या 5 करोड़ रुपये मूल्य तक की भूमि आवंटित करने के अधिकार होंगे। इनसे भिन्न मामलों में अर्थात् अधिक भूमि के लिए राज्य शासन स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अंतर्विभागीय समिति प्रकरण पर विचार करेगी। उपयुक्त मामलों में भूमि आवंटन का निर्णय निवेश संवर्धन संबंधी मंत्रि-परिषद् की समिति द्वारा किया जायेगा।
आवंटन की स्वीकृति के बाद सामान्य शर्तों के अधीन कलेक्टर द्वारा स्थाई पट्टा निष्पादित किए जायेंगे, जो 30 वर्ष के लिए होंगे।
पुलिसकर्मियों के लिए आवास
मंत्रि-परिषद् ने मध्यप्रदेश पुलिस में पदस्थ अराजपत्रित अधिकारियों एवं प्रधान आरक्षक/आरक्षकों के लिए हुडको से ऋण लेकर 8000 आवासगृह का निर्माण मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया। वर्ष 2012-13 में 3000 तथा वर्ष 2013-14 और 2014-15 में 2500-2500 आवासगृह का निर्माण होगा। निर्माण कार्य पर 993 करोड़ 28 लाख रुपये खर्च होंगे। इसमें से 889 करोड़ रुपये हुडको द्वारा ऋण रूप में तथा 104 करोड़ 28 लाख रुपये राज्य शासन द्वारा उपलब्ध करवाया जायेगा। हुडको से ऋण प्राप्त करने के लिए राज्य शासन गारंटी देगा।
नई तहसील
मंत्रि-परिषद् ने अशोकनगर जिले में नई सराय को तहसील का दर्जा देने का निर्णय लिया। नई तहसील में 29 पटवारी हलके शामिल होंगे, जिनमें 72 ग्राम हैं। नई तहसील के लिए तहसीलदार और नायब तहसीलदार का एक-एक, सहायक ग्रेड-3 के 5 तथा 6 अन्य पद सृजित किए जायेंगे।
मंत्रि-परिषद् ने देवास जिले में उदयनगर ट्प्पा को तहसील बनाने का निर्णय लिया। इसमें 44 पटवारी हलके और 99 ग्राम होंगे। नई तहसील के लिए तहसीलदार और नायब तहसीलदार का एक-एक पद, सहायक ग्रेड-3 के 5 और 6 अन्य पद सृजित किए जायेंगे।
अन्य निर्णय
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मंत्रि-परिषद् ने जेल विभाग के सभी कार्यालयों में विभिन्न श्रेणी के 2928 अस्थाई पद को निरंतर रखने की स्वीकृति दी।
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मंत्रि-परिषद् ने क्षेत्रीय/अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के पद पर न्यूनतम 5 वर्ष की अर्हकारी सेवा की अनिवार्यता को एक बार के लिए शिथिल करने का निर्णय लिया। अब ऐसे सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी पदोन्नत हो सकेंगे। जिन्होंने इस पद पर दो वर्ष की अर्हकारी सेवा एवं इसके फीडिंग केडर परिवहन निरीक्षक के पद पर सेवा अवधि जोड़कर 10 वर्ष की सेवा पूरी कर ली हो।
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मंत्रि-परिषद् ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर में स्व-वित्तीय योजना में संचालित 17 शैक्षणिक विभाग के लिए 116 तृतीय श्रेणी तथा 137 चतुर्थ श्रेणी के पद सृजित करने की स्वीकृति दी। इन पदों की पूर्ति पर आने वाला सम्पूर्ण आवृति वित्तीय भार संबंधित पाठ्यक्रमों से प्राप्त होने वाले शुल्क की राशि से वहन किया जायेगा।
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संसदीय कार्य विभाग में अवर सचिव का एक नवीन पद वेतनमान 15600-39100+6600 ग्रेड-पे में निर्मित करने का निर्णय लिया गया।