Friday , 17 May 2024

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प्रदेश में किसी भी जाति को अपराधी नहीं कहा जायेगा

cm_panchayat_tribalविमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जातियों को अजजा की सूची में शामिल करवाने के लिये केन्द्र को सिफारिश की जायेगी, शिक्षा और समाज सेवा के लिये उत्कृष्ट कार्य के लिये पुरस्कार, विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जाति पंचायत में मुख्यमंत्री श्री चौहान

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अपराधियों की कोई जाति नहीं होती। प्रदेश में किसी भी जाति को अब अपराधी नहीं कहा जायेगा। विमुक्त, घुमक्कड़, अर्ध घुमक्कड़ की 51 जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के लिये केन्द्र सरकार को सिफारिश की जायेगी। इनके अंतर्गत आने वाले 51 समाज में प्रत्येक में शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को हर साल एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जायेगा।

प्रमुख बिन्दु

  • 51 जाति को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के लिये केन्द्र से सिफारिश की जायेगी।

  • जातियों में समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को मिलेगा एक लाख रुपये का पुरस्कार।

  • युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के लिये चलेगा अभियान।

  • सर्वेक्षण कर परिचय-पत्र दिये जायेंगे। शिक्षित युवाओं को रोजगार के लिये मिलेगा तीन लाख का अनुदान।

  • शासकीय भूमि पर रह रहे लोगों को मिलेगा भूमि का पट्टा।

  • आवास उपलब्ध करवाने चलेगा चरणबद्ध अभियान।

  • इन जातियों के बच्चों की शिक्षा के लिये 12वीं पंचवर्षीय योजना में 50 नये आश्रम-छात्रावास खोले जायेंगे। इस वर्ष 20 आश्रम-छात्रावास खोले जायेंगे।

  • मेडिकल, इंजीनियरिंग और दंत चिकित्सा में प्रवेश लेने वाले बच्चों की फीस राज्य सरकार भरेगी।

  • विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ विकास अभिकरण अब विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत काम करेगा।

श्री चौहान आज यहाँ मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित विमुक्त, घुमक्कड़, अर्ध घुमक्कड़ जाति पंचायत में संबोधित कर रहे थे। समाज के विभिन्न वर्गों से सीधे संवाद के लिये पंचायतों की श्रंखला में आयोजित इस पंचायत में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अनेक सौगात की घोषणा की। अनुसूचित जाति कल्याण राज्य मंत्री श्री हरिशंकर खटीक विशेष रूप से उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार इन जातियों को अच्छा रोजगार और शिक्षा उपलब्ध करवाने की योजनाएँ बनायेगी। ऐसी योजना बनाई जायेगी जिनमें इन जातियों के हुनर का ठीक से उपयोग होगा। इनका मान-सम्मान लौटाया जायेगा। सामाजिक न्याय का मतलब संसाधनों में सबको उनका हिस्सा मिलना है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जातियों के हित में घोषणाएँ करते हुए कहा कि इन जातियों के लिये भोपाल में भवन बनाने पर विचार किया जायेगा। इन समाजों के युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार दिलाने का अभियान चलाया जायेगा। इन समाजों का सर्वे कर परिचय-पत्र दिये जायेंगे। विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जाति के युवाओं को रोजगार स्थापित करने के लिये तीन लाख रुपये तक की अनुदान सहायता दी जायेगी। इन समाजों के लोग यदि किसी शासकीय भूमि पर रह रहे हैं तो उन्हें उस भूमि का पट्टा दिया जायेगा। इन जातियों के लोगों को आवास उपलब्ध करवाने के लिये चरणबद्ध रूप से अभियान चलाया जायेगा, इसमें आवास के लिये 70 हजार रुपये का अनुदान दिया जायेगा। जहाँ ये जातियाँ रहती हैं वहाँ विद्युतीकरण किया जायेगा। इन जातियों के बच्चों की शिक्षा के लिये 12वीं पंचवर्षीय योजना में 50 नये आश्रम-छात्रावास खोले जायेंगे, जिसमें से 20 आश्रम-छात्रावास इसी वर्ष खोले जायेंगे। वर्तमान में जो आश्रम छात्रावास 50 से कम सीट के हैं उन्हें 50 सीट के तथा जो छात्रावास 50 से ज्यादा तथा 100 से कम सीट के हैं उन्हें 100 सीट के छात्रावास में बदला जायेगा। मेडिकल, इंजीनियरिंग और दंत चिकित्सा के क्षेत्र में प्रवेश लेने वाले इन जातियों के बच्चों की फीस राज्य सरकार भरेगी। अब विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ विकास अभिकरण विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ विभाग के अन्तर्गत रहेगा। इन जातियों के बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति को महँगाई के सूचकाँक से जोड़ा जायेगा। इन जातियों के लोगों को सामाजिक सुरक्षा के लिये प्रसूति, विवाह, चिकित्सा सहायता, छात्रवृत्ति, आकस्मिक मृत्यु पर सहायता, दुर्घटना पर सहायता योजनाओं का लाभ दिया जायेगा। प्रसूति सहायता में 45 दिन की मजदूरी, विवाह सहायता योजना में 15 हजार रुपये की सहायता, छात्रवृत्ति योजना में कक्षा एक से छात्रवृत्ति, दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु होने पर एक लाख रुपये तथा स्थायी विकलांगता होने पर 75 हजार रुपये की सहायता दी जायेगी।

मंत्री श्री खटीक ने कहा कि विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जातियों के लिये राज्य सरकार ने एक नया विभाग बनाया है, जिसके माध्यम से इन जातियों के विकास के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ अभिकरण के अध्यक्ष श्री नारायण सिंह बंजारा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस समाज के लिये 120 आश्रम-छात्रावास खोले गये हैं। उन्होंने कहा कि घुमक्कड़ जातियों के लिये अलग से जाति प्रमाण-पत्र बने।

पंचायत में विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जातियों के अंतर्गत आने वाले विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिये। इन जातियों के लिये प्रत्येक तहसील में छात्रावास बनाये जाने तथा जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने का सुझाव दिया गया। इनके लिये समुदाय आधारित योजना बनाने का सुझाव दिया गया। यह भी सुझाव दिया गया कि युवाओं के लिये रोजगार की योजना बनाई जाये। इन समाजों के विकास के लिये दीर्घकालिक योजना बनाई जाये। इनके लिये अधिक से अधिक संख्या में छात्रावास खोले जायें। पंचायत में बंजारा समाज की श्रीमती सुगन कौर जाधव, कंजर समाज के श्री कृष्णचंद्र सिसोदिया, कालबेलिया समाज के श्री सरदार सिंह नाथ, बैरागी समाज के श्री महेश त्यागी, सिकलीगर समाज के श्री मदन सिंह भाटी, लोहापीटा समाज के श्री सरदार सिंह, बेड़िया समाज की श्रीमती अरूणा छारी, धनगर समाज के श्री नीलकंठ गोहमे, नट समाज की श्रीमती कमलेश नागर, बंजारा समाज के श्री संजय जाधव, पारधी समाज के श्री अशोक पारधी, जोगी सपेरा समाज के श्री सरवर सिंह, कुचबंदिया समाज के श्री हरीशचंद्र और सांसी समाज के डॉ. आर.सी. सिसोदिया ने सुझाव दिये।

पंचायत में मुख्य सचिव श्री आर.परशुराम सहित संबंधित विभागों के अधिकारी तथा विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जातियों के विभिन्न जिलों से आये प्रतिनिधि उपस्थित थे। अंत में आभार प्रदर्शन विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एम. मोहन राव ने किया।

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