(खुसुर-फुसुर)– भोपाल तालाब पर हुए अतिक्रमण को दबाना हो या बिल्डरों को फायदा पहुंचाने की कोशिश करना इन ताजा मामलों के अलावा पुराने पापों की खुसुर-फुसुर भी होती ही रहती है .बात कर रहे मप्र के उन चर्चित आईएस अधिकारी की जो आम-जन के लिए हमेशा दबंग एवं खतरनाक साबित होता आ रहा है लेकिन ख़ास जनों के लिए देवता है.ख़ास-जन मतलब मालदार आसामियों की चर्चा है.
एक लाट साहब भारत के भविष्य निर्माण के लिए जाना तैयार किया जाता है लेकिन इन साहब के तेवर वह भी भाजपा शासन में सिर्फ ख़ास जनों को मालदार फायदा पहुँचाने में काम आते है.खैर साहब अभी तो प्रमुख अखबारों की सज्जा बने हुए हैं देखते हैं उनके ये तेवर कम होते हैं या और निखर कर सामने आते हैं.