(खुसुर-फुसुर)-मप्र के एक राजनैतिक निर्वासन पाए नेता जी जिन्होंने निर्वासन को पोखरण विस्फोट से निरूपित किया था आज कल वर्तमान अध्यक्ष की निष्क्रियता भांप पुनः मप्र के संगठन पर काबिज होने की जुगत में हैं ,भूले-बिसरे पत्रकारों को वे स्वयं फोन कर बुला रहे हैं और अपनी खबर छापने को कह रहे हैं ,कुछ में वे सफल भी हो रहे हैं.बता दें की उनके गुट ने भाजपा मुख्यालय पर अपनी रणनीति बना ली है और शान्ति से इन्तजार में हैं की कब नेताज़ी पद पर काबिज हों और वे अपना जलवा दिखाएँ .
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