(ख़ुसुर-फुसुर)-दिल्ली के एक नाम-चीन अखबार ने व्यापम को लेकर वो धाँसू खबर छापी की कईयों की पसलियाँ दर्द देने लगीं.अब इस अखबार की खबर थी ही इतनी झन्नाटेदार की विपक्ष भी इसकी खोज-खबर में लग गया और अपने तेवर दिखाने लगा.अंततः सीबीआई को इस खबर का खंडन करना पडा.अब इस अखबार की प्रतिष्ठा दांव पर लग गयी है,देखना है खबर की गाज अखबार प्रबंधन किस पर गिराता है.
खैर खुसुर-फुसुर तो यह है की इस खबर की खुशखबर सबसे पहले सुबह सवेरे उन्हें मिली जो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं बाकी सब को कोई खबर ही नहीं थी.बाकी सब तो दोपहर बाद जागे और सक्रीय हुए .खबरची अब आपस में खुसुर-फुसुर कर रहें हैं की यह खबर इस समय क्यों छपवाई गयी ?भैया केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार सामने जो है .इस तरह की कुछ ख़बरें पहले भी प्रदेश स्तरीय अखबारों में छपवाई गयी हैं जो गलत निकलीं.अब इस तुर्रम अखबार की यह तुर्रम खबर भी गलत निकली.जब इतना बड़ा अखबार सेट किया जा सकता है तो बेचारों की क्या औकात ?