नई दिल्ली:भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अहम खुलासे किए हैं. सेना ने साफ कहा कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकी संगठनों को न केवल पनाह दी बल्कि सीधे तौर पर सहयोग भी किया. सेना के अनुसार, भारत की कार्रवाई केवल जवाबी नहीं बल्कि रणनीतिक थी और आने वाले मिशन पहले से बिल्कुल अलग और ज्यादा निर्णायक होंगे.
एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, ‘यह एक अलग तरह का युद्ध था और ऐसा होना तय है. भगवान न करे, लेकिन अगर हम एक और युद्ध लड़ते हैं, तो वह इस युद्ध से पूरी तरह अलग होगा. यह बिल्ली और चूहे का खेल है, और हमें प्रतिद्वंद्वी को हराने के लिए आगे रहना होगा.’
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा, ‘प्रभावी ढंग से कई सेंसर और इनपुट का इस्तेमाल करते हुए, हम खतरों को कम करने या बेअसर करने के लिए निरंतर निगरानी बनाए रखते हैं, जैसे ही वे सामने आते हैं या विस्तारित दूरी पर लक्ष्य सुनिश्चित करने के लिए प्रकट होते हैं. यह सब एक व्यापक और प्रभावी स्तरित बेड़े के हवाई रक्षा तंत्र की छत्रछाया में किया जाता है, जो सभी खतरों को पूरा करता है, चाहे वह ड्रोन हो, उच्च गति वाली मिसाइलें हों या विमान, दोनों लड़ाकू और निगरानी विमान.’
भारतीय सेना ने संभावित पीएल-15 एयर-टू-एयर मिसाइल का मलबा दिखाया है, जो चीन निर्मित है और जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत पर हमले के दौरान किया था. भारत द्वारा मार गिराए गए तुर्की निर्मित YIHA और सोंगर ड्रोन का मलबा भी दिखाया गया है. एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, ‘हमारे सभी सैन्य अड्डे, हमारी सभी प्रणालियां पूरी तरह से क्रियाशील हैं और आवश्यकता पड़ने पर भविष्य में किसी भी मिशन को पूरा करने के लिए तैयार हैं.’
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, ‘हमारे एयरफील्ड और लॉजिस्टिक्स को निशाना बनाना बहुत कठिन है… मैंने देखा कि विराट कोहली ने हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया है. वह मेरे पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं. 1970 के दशक में, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज के दौरान, दो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी लाइनअप को नष्ट कर दिया, और तब ऑस्ट्रेलिया ने एक कहावत दी’ राख से राख, धूल से धूल, अगर थॉमो तुम्हें नहीं पकड़ता, तो लिली तुम्हें पकड़ लेगी’ अगर आप परतें देखेंगे, तो आप समझ जाएंगे कि मैं क्या कहने की कोशिश कर रहा हूं. भले ही आप सभी परतों को पार कर लें, इस ग्रिड सिस्टम की परतों में से एक आपको मार देगी.’
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों का चरित्र बदल गया है. निर्दोष नागरिकों पर हमले किए जा रहे थे ‘पहलगाम तक पाप का यह घड़ा भर चुका था’.
एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, ‘पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन और मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहनों की कई कोशिशों को भी स्वदेशी रूप से विकसित सॉफ्ट और हार्ड किल काउंटर-यूएएस प्रणालियों और अच्छी तरह से प्रशिक्षित भारतीय वायु रक्षा कर्मियों द्वारा विफल कर दिया गया. यह दुख की बात है कि पाकिस्तानी सेना ने हस्तक्षेप करने का फैसला किया और वह भी आतंकवादियों के लिए, और इसलिए हमने जवाब देने का फैसला किया.’