Friday , 3 May 2024

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आज है पवित्रा एकादशी, जानें इसकी खास बातें

radha-krishnaआज श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस एकादशी को पुराणों में पवित्रा एकादशी नाम दिया गया है। इस एकादशी के विषय में मान्यता है कि, जो भी व्यक्ति श्रद्घा और नियम पूर्वक इस व्रत का रखता है उसके पूर्व जन्म के पाप कट जाते हैं और संतान एवं धन-संपदा का सुख प्राप्त होता है।

एकादशी व्रत विधि
शास्त्रों में बताया गया है कि पवित्रा एकादशी का व्रत करने वाले को प्रातः काल स्नान ध्यान करके भगवान श्री कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। पूरे दिन व्रत रखकर संध्या के समय भगवान की पुनः पूजन करने के बाद फल ग्रहण कर सकते हैं। रात्रि जागरण करके भगवान का भजन कीर्तन करें। अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को ब्रह्मणों को भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा सहित विदा करें।

इस प्रकार जो व्यक्ति पवित्रा एकादशी का व्रत करता है उसके वाजपेय यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है। इससे पूर्व जन्म के पाप के कारण जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है और मनोवांछित फल प्राप्त होता है। पवित्रा एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस संदर्भ में एक कथा है।

पवित्रा एकादशी कथा
प्राचीन काल में एक नगर में राजा महिजीत राज करते थे। निःसंतान होने के कारण राजा बहुत दुःखी थे। मंत्रियों से राजा का दुःख देखा नहीं गया और वह लोमश ऋषि के पास गये। ऋषि से राजा के निःसंतान होने का कारण और उपाय पूछा। महाज्ञानी लोमश ऋषि ने बताया कि पूर्व जन्म में राजा को एकादशी के दिन भूखा प्यासा रहना पड़ा। पानी की तलाश में एक सरोवर पर पहुंचे तो एक ब्यायी गाय वहां पानी पीने आ गई।

राजा ने गाय को भगा दिया और स्वयं पानी पीकर प्यास बुझाई। इससे अनजाने में एकादशी का व्रत हो गया और गाय के भगान के कारण राजा को निःसंतान रहना पड़ रहा है। लोमश ऋषि ने मंत्रियों से कहा कि अगर आप लोग चाहते हैं कि राजा को पुत्र की प्राप्ति हो तो श्रावण शुक्ल एकादशी का व्रत रखें और द्वादशी के दिन अपना व्रत राजा को दान कर दें।

मंत्रियों ने ऋषि के बताए विधि के अनुसार व्रत किया और व्रत का दान कर दिया। इससे राजा को पुत्र की प्राप्ति हुई। इस कारण पवित्रा एकादशी को पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है।

आज है पवित्रा एकादशी, जानें इसकी खास बातें Reviewed by on . आज श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस एकादशी को पुराणों में पवित्रा एकादशी नाम दिया गया है। इस एकादशी के विषय में मान्यता है कि, जो भी व्यक्ति श्रद् आज श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस एकादशी को पुराणों में पवित्रा एकादशी नाम दिया गया है। इस एकादशी के विषय में मान्यता है कि, जो भी व्यक्ति श्रद् Rating:
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