नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत की संस्कृति, कला, समझ, धरोहर और मूल्यों का अहसास पाने की कोशिश के साथ गुरुवार को 12 अफ्रीकी देशों के नेताओं की पत्नियों ने यमुना के तट पर बने स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर को देखा। अफ्रीकी देशों के नेता भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली आए हुए हैं।
मंदिर देखने वालों में दक्षिण अफ्रीका, अंगोला, बुरुं डी, इथोपिया, घाना, लोसेथो, माली, मारीशस, नामीबिया, स्वाजीलैंड, तंजानिया और युगांडा की प्रथम महिलाएं शामिल थीं। इन सभी महिलाओं का परंपरागत भारतीय तरीके से स्वागत किया गया।
सभी महिलाओं ने मंदिर को बहुत गौर से और दिलचस्पी पूर्वक देखा। इन्हें दस द्वार से प्रवेश कराया गया और भक्ति द्वार और मयूर द्वार से ले जाया गया। महिलाएं करीब एक घंटे मंदिर में रहीं और उन्होंने नौका विहार का भी आनंद उठाया।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति की पत्नी बोंगी नागेमा जुमा ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा, “क्या अनुभव है! हमने भारतीय संस्कृति की बलिदान और आत्मत्याग जैसी बातों के बारे में काफी कुछ जाना। यह बात कि इस मंदिर को स्वयंसेवकों ने खुद बनाया है, बड़ी बात है और दुनिया के लिए सबक है।”
श्रीनीलकंठ वर्नी की पवित्र तस्वीर का महिलाओं ने पवित्र जल से अभिषेक किया तथा विश्व शांति और सौहार्द के लिए प्रार्थना की।
मंदिर परिसर में नौका विहार के दौरान ये विशिष्ट महिलाएं ‘वैदिक गांव और हाट’ से गुजरीं और इस तरह प्राचीन भारत की एक झलक से परिचित हुईं।
इनके आने के समय मंदिर को आम लोगों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया था। इससे अन्य पर्यटकों को दिक्कत हुई। इनमें विदेश पर्यटक भी शामिल थे।
आम तौर से भारत आने वाली हस्तियों को कुतुब मीनार और हुमायूं का मकबरा दिखाया जाता है लेकिन समय की कमी की वजह से नेताओं की पत्नियों को इन जगहों पर नहीं ले जाया जा सका।