तवांग, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के तवांग शहर में शुक्रवार तड़के जबर्दस्त भूस्खलन हुआ, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य मलबे में दब गए। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की एक टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है।
प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, भूस्खलन के बाद मलबे से 16 शवों बाहर निकाले जा चुके हैं। घटना आज (शुक्रवार) तड़के करीब 2.30 बजे के आसपास की है। स्थानीय अधिकारी बचाव अभियानों में लगे हुए हैं। एनडीआरएफ की एक टीम रास्ते में है।”
अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन चीन की सीमा से लगे तवांग शहर के फमला गांव में हुआ, जो राज्य में कई सप्ताहों तक लगातार हुई बारिश की वजह से हुआ है। लगातार हुई बारिश के चलते राज्य के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं।
जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निर्माणाधीन होटल के नजदीक तंबू में करीब 17 मजदूर सो रहे थे। हादसे में तंबू पूरी तरह नष्ट हो गया, जिसमें 15 मजदूर जिंदा दब गए, दो मजदूर किसी तरह बच गए। हालांकि वे गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में एक मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई।
प्रदेश के राज्यपाल जे.पी. राजखोवा ने 16 मृतकों के परिजनों के लिए एक लाख रुपये सहायता राशि की घोषणा की। उन्होंने भारी बारिश की वजह से लोगों से सतर्क रहने और अधिकारियों से भूस्खलन एवं बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वालों को सचेत करने की सलाह दी है।
राज्यपाल ने राज्य सरकार से नियंत्रण कक्ष स्थापित करने की बात कही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के प्रति शोक प्रकट किया है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री कलिखो पुल को फोन किया और बाढ़ व भूस्लखन के हालात पर चर्चा की।
एक अधिकारी ने कहा, “सिंह ने नोआ दिहिंग नदी के उफनने के चलते बन रही बाढ़ की परिस्थितियों से निपटने में अरुणाचल प्रदेश को केंद्र से पूरी मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के महानिदेशक ओ.पी. सिंह से चीन की सीमा से लगे तवांग के बाढ़ प्रभावित गांव फमला में बचाव दल भेजने के लिए कहा है।”
गृहमंत्री की अध्यक्षता वाली एक उच्चस्तरीय समिति ने बाढ़ से निपटने के लिए राज्य को 84.33 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की भी मंजूरी दे दी है।