नोटिस में 13 से 21 जुलाई 2015 बीच प्रधानमंत्री और गृह मंत्री, भारत सरकार को आए नौ प्रत्यावेदनों का उल्लेख किया गया है जिनमें अमिताभ के निलंबन के बाद लोगों द्वारा अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए उनकी सुरक्षा और न्याय की मांग की थी। इनमें दो प्रत्यावेदन यूएसए, दो कर्नाटक और बाकी अन्य राज्य के लोगों के थे।
इनमें मुख्य रूप से यह कहा गया था कि अमिताभ और उनका परिवार सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष से भयभीत है, उनके उत्पीड़न को रोका जाए और उनके प्राणों की रक्षा की जाए।
भारत सरकार ने ये प्रत्यावेदन राज्य सरकार को अगस्त 2015 में भेजे थे, जिनपर अब राज्य सरकार ने संज्ञान लेते हुए इसे अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमावली के नियम 18 में बाहरी दवाब और पेशबंदी बताते हुए अमिताभ को आचरण नियमावली के उल्लंघन का दोषी मानते हुए उनसे स्पष्टीकरण की मांग की है।