नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को ‘उड़ता पंजाब’ की रिलीज की अनुमति देने वाले बंबई उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
पंजाब में व्याप्त नशे की समस्या को उठाने वाली यह फिल्म 17 जून को रिलीज होने जा रही है।
शीर्ष न्यायालय के न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल एवं न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अवकाश पीठ ने कहा, “अगर कोई प्रथम दृष्टया मामला नहीं है, तो हम हस्तक्षेप कैसे कर सकते हैं? हम उच्च न्यायालय के फैसले की योग्यता पर सवाल नहीं उठाएंगे।”
सर्वोच्च न्यायालय की अवकाश पीठ पंजाब के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ह्यूमन राइट्स अवेयरनेस एसोसिएशन की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अनुराग कश्यप सह-निर्मित ‘उड़ता पंजाब’ की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत ने एनजीओ को इस बात की इजाजत दी कि वह बाद में उसके समक्ष मामला उठा सकता है।
बंबई उच्च न्यायालय ने 13 जून को ‘उड़ता पंजाब’ के निर्माताओं को इससे एक दृश्य हटाने एवं इसमें तीन वैधानिक चेतावनी (डिस्क्लेमर) जोड़ने का आदेश देते हुए इसकी रिलीज का रास्ता साफ कर दिया था।
पूर्व में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने निर्माताओं से फिल्म में 89 कट लगाने के लिए कहा था। कट की इस संख्या को बाद में इसकी पुनरीक्षण समिति ने घटा दिया था।
शीर्ष न्यायालय की अवकाश पीठ ने गुरुवार को याचिकाकर्ता से पूछा कि वह बंबई उच्च न्यायालय की ओर से पूर्व में दिए गए आदेश से कैसे प्रभावित हो रहा है, जबकि सीबीएफसी एवं पंजाब सरकार ने इस फैसले को चुनौती नहीं दी है?
फिल्म में इस्तेमाल हुए अपशब्दों का जिक्र करते हुए न्यायमूर्ति गोयल ने फिल्म निर्माता कंपनी की अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा से कहा, “बहुत ही अश्लील भाषा का उपयोग किया गया है। क्या ऐसी भाषा का उपयोग जरूरी है? क्या आप खुद से इसकी समीक्षा कर सकती हैं? कभी-कभी स्थितियों की वजह से इस भाषा का इस्तेमाल करना पड़ता है, ऐसा नहीं है कि यह हमेशा अप्रासांगिक होती है।”
न्यायमूर्ति नागेश्वर ने कहा, “यह अश्लील भाषा प्रासंगिक हो सकती है। हमें नहीं मालूम। हमने फिल्म नहीं देखी है।”
‘उड़ता पंजाब’ की सह-निर्माता कंपनी फैंटम फिल्म्स की पैरवी कर रहीं मीनाक्षी अरोड़ा ने फिल्म में उपयोग में लाए गए अपशब्दों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि फिल्म जमीनी हकीकत पर आधारित है।
अरोड़ा ने कहा कि दिल्ली पुलिस तक अपनी आम बोलचाल में अपशब्दों का इस्तेमाल करती है।
लेकिन, न्यायमूर्ति गोयल की अलग ही राय थी। वह नशीली दवाओं के आदी लोगों के मामले में कानूनी मदद दे चुके हैं, इसलिए उन्हें हालात की जानकारी है। उन्होंने कहा, “नशे के आदी कभी ऐसी भाषा का उपयोग नहीं करते। जब उन्हें ड्रग्स नहीं मिलतीं तो वे बेचैन हो जाते हैं। वह इन्हें चुरा सकते हैं लेकिन कभी मुखर होकर बोलते नहीं।”
फिल्म में शाहिद कपूर, करीना कपूर, आलिया भट्ट एवं दिलजीत दोसांझ मुख्य भूमिका में हैं।