लखनऊ, 2 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के 9 सदस्यों का कार्यकाल 25 मई को खत्म हो गया। प्रदेश सरकार ने 19 मई को विधान परिषद में मनोनीत करने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के 9 पदाधिकारियों के नाम राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजे थे। पार्टी नेतृत्व इनमें से 7 नाम बदलने पर विचार कर रहा है।
लखनऊ, 2 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के 9 सदस्यों का कार्यकाल 25 मई को खत्म हो गया। प्रदेश सरकार ने 19 मई को विधान परिषद में मनोनीत करने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के 9 पदाधिकारियों के नाम राज्यपाल के पास स्वीकृति के लिए भेजे थे। पार्टी नेतृत्व इनमें से 7 नाम बदलने पर विचार कर रहा है।
राज्यपाल को भेजी गई सूची में सपा के प्रदेश सचिव व कार्यालय प्रभारी एसआरएस यादव, प्रदेश सचिव व मत्स्य विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. राजपाल कश्यप, प्रदेश सचिव, महिला कल्याण निगम की चेयरमैन लीलावती कुशवाहा, प्रदेश सचिव कमलेश पाठक, इलाहाबाद छात्र संख्या के पूर्व नेता राम वृक्ष यादव, लखनऊ नगर के शालीमार बिल्डर्स के सर्वे सर्वा संजय सेठ, सपा के युवा नेता सुनील यादव, लालू प्रसाद यादव के समधी जितेंद्र यादव व गोंडा के सपा जिला सचिव रणविजय सिंह और मुजफ्फरनगर के सपा नेता सरफराज खान का नाम शामिल था।
राज्यपाल राम नाईक ने इस सूची को संवैधानिक व्यवस्था के विरुद्ध बताते हुए प्रदेश सरकार से इनका पूर्ण ब्यौरा मांगा है।
राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाने वाले सदस्यों में पत्रकारिता, समाजसेवा, सहकारिता, शिक्षा, लोककला, संस्कृति आदि क्षेत्रों में विशिष्ट स्थान रखने वाले लोगों को मनोनीत किया जाता है, मगर प्रदेश की सपा सरकार द्वारा जिन नौ सदस्यों के नाम राज्यपाल को भेजे गए हैं, उसमें एसआरएस यादव के अलावा कोई भी नाम निर्धारित मानक को पूरा करने वाला नहीं, बल्कि सभी के सभी समाजवादी पार्टी के पदाधिकारी व सपा पृष्ठभूमि के नेता हैं। मनोनीत किए जाने वाले सदस्यों का विशिष्ट क्षेत्रों में कोई विशेष योगदान नहीं।
राज्यपाल ने अब प्रदेश सरकार से मनोनयन के लिए प्रस्तावित व्यक्तियों का विस्तृत बायोडाटा मांगा है।
सपा सूत्रों की मानें तो राज्यपाल द्वारा ऐसा कदम उठाए जाने से पार्टी पसोपेश में पड़ गई है और उसके सामने सांप-छछूंदर की स्थिति बन गई है।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि पार्टी नेतृत्व इनमें से 7 नामों में परिवर्तन करने पर विचार कर रहा है।
विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि पूर्व विधान परिषद सदस्य लोक गायक काशी नाथ यादव, राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व ‘निषाद ज्योति’ पत्रिका के प्रधान संपादक लौटन राम निषाद, बुंदेलखंड के सामाजिक कार्यकर्ता राकेश पाल, काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष व समाजसेवी डॉ. उमाशंकर सिंह यादव व वरिष्ठ पत्रकार प्रभात रंजन दीन का नाम संशोधित सूची में शामिल किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब फ्रांस से वापस आ चुके हैं और अपने काम में जुट गए हैं। माना जा रहा है कि मनोनयन के मामले में जल्द ही कयासों से पर्दा उठ जाएगा और यह तय है कि 9 सदस्यों में से आधे से अधिक का नाम बदला जाएगा।
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार व राजनीतिक समीक्षक हैं)