बेंगलुरू, 13 सितम्बर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के लिए कावेरी नदी का ज्यादा पानी जारी करने के सर्वोच्च न्यायालय के कर्नाटक को दिए गए आदेश पर सोमवार को यहां भड़की हिंसा के बाद मंगलवार को हालांकि शांति है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण है। प्रदर्शनकारियों ने हालांकि मांड्या और मैसूर में मंगलवार को भी प्रदर्शन किए।
बेंगलुरू के पुलिस आयुक्त एन. एस. मेगारिख ने बताया, “शहरभर में शांति छाई है। सुबह से किसी हिंसा की घटना की खबर नहीं मिली है। हालांकि पुलिस बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।”
पुलिस ने मंगलवार को बकरीद की नमाज के मद्देनजर 16 संवेदनशील स्थानों पर कर्फ्यू में ढील दी, जहां सोमवार रात कर्फ्यू लगाया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “हमने कई इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी है, ताकि मुस्लिम मस्जिदों और खुली जगहों पर ईद की नमाज अदा कर सकें।”
यहां कर्फ्यू सोमवार को चेन्नई में कन्नड़ लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले की सूचना मिलने पर भड़की हिंसा व आगजनी के बाद लगाया गया था।
हालांकि मंगलवार को ईद के मौके पर राज्य के स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी और निजी कार्यालयों में छुट्टी है, लेकिन कुछ आईटी कंपनियों और बैक ऑफिस में काम जारी हैं। उन्होंने शहर में जारी तनाव के मद्देनजर अपने कर्मियों को घर से काम करने की सलाह दी है।
दुकानें, बाजार, मॉल, होटल और रेस्टोरेंट व वाणिज्यिक स्थल आदि अघोषित रूप से बंद हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि प्रदर्शनकारी उन पर हमला कर सकते हैं।
इसके अलावा सड़कों पर बसें, टैक्सियां, तिपहिया वाहन आदि नहीं चल रहे। यहां तक मेट्रो रेल सेवा को भी शाम तक बंद कर दिया गया है। रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर सैंकड़ों मुसाफिर फंसे हुए हैं।
रैपिड एक्शन फोर्स की टीम ने बेंगलुरू के उपनगरों में फ्लैग मार्च किया। कर्नाटक से तमिलनाडु जानेवाली और वहां से आने वाली सरकारी और निजी बसों का परिचालन बंद है। हालांकि चेन्नई व अन्य पड़ोसी जिलों में जानेवाली ट्रेने और उड़ाने यथावत जारी है।
बेंगलुरू के केबल ऑपरेटरों ने सभी 52 तमिल टेलीविजन चैनलों का प्रसारण रोक दिया है, ताकि भावनाएं भड़कने से रोका जा सके।
2011 की जनगणना के मुताबिक, बेंगलुरू की एक करोड़ आबादी में करीब 25 लाख तमिल हैं, जो कन्नड़ों के बाद दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है।