Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 नागरिकता संशोधन विधेयक पूर्वोत्तर तक सीमित नहीं : राजनाथ | dharmpath.com

Tuesday , 13 May 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » नागरिकता संशोधन विधेयक पूर्वोत्तर तक सीमित नहीं : राजनाथ

नागरिकता संशोधन विधेयक पूर्वोत्तर तक सीमित नहीं : राजनाथ

नई दिल्ली, 9 जनवरी (आईएएनएस)। लोकसभा में पारित नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के परिणामस्वरूप पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा की खबरों पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि विधेयक के बारे में ‘गलतफहमी’ फैलाई जा रही है।

राजनाथ ने कहा कि विधेयक असम या पूर्वोत्तर के राज्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा।

नागरिकता संशोधन विधेयक बांग्लादेश, पाकिस्तान व अफगानिस्तान के छह अल्पसंख्यक समूहों के पात्र प्रवासियों के भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की बाधाओं को दूर करने के लिए लाया गया है।

राजनाथ ने कहा, “इन सताए गए प्रवासियों का बोझ पूरा देश साझा करेगा। असम व पूर्वोत्तर के राज्य अकेले पूरे बोझ को नहीं सहन कर पाएंगे और सरकार राज्य सरकार व असम के लोगों को सभी तरह की मदद मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।”

मंत्री ने कहा, “इसका उद्देश्य है कि देश में कहीं भी सताए जा रहे प्रवासी भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद वे देश के किसी भी राज्य में भारतीय नागरिक जैसे रह सकते हैं।”

राजनाथ का यह बयान लोकसभा में मंगलवार को नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को पारित किए जाने के बाद असम, त्रिपुरा व मेघालय सहित कुछ पूर्वोत्तर के राज्यों में हिंसा की घटनाओं के बाद आया है।

विधेयक के पास किए जाने के दौरान मंगलवार को विपक्षी पार्टियों ने आपत्ति जताई थी।

राजनाथ ने कहा कि असम कई दशकों से अवैध प्रवासियों की समस्या से जूझ रहा है। असम 1979-1985 के दौरान इस मुद्दे को लेकर आंदोलन का भी साक्षी रहा है।

इसी आंदोलन की वजह से असम समझौते पर 15 अगस्त, 1985 को हस्ताक्षर किया गया।

विधेयक के बारे में गलतफहमी को दूर करते हुए राजनाथ ने उन देशों में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रहे भेदभाव व धार्मिक अत्याचार को उजागर किया।

उन्होंने कहा, “उनके पास भारत के अलावा जाने के लिए कोई जगह नहीं है। यह विधेयक सताए गए प्रवासियों को राहत प्रदान करेगा, जो देश की पश्चिमी सीमाओं से गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश व दूसरे राज्यों में आए हैं।”

यह विधेयक हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी व ईसाइयों को, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से बिना वैध यात्रा दस्तावेजों के भारत पलायन कर आए हैं, या जिनके वैध दस्तावेजों की समय सीमा हाल के सालों में खत्म हो गई है, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाता है।

मंत्री ने कहा कि विधेयक से तीन देशों में धार्मिक उत्पीड़न सह रहे प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक लगातार भेदभाव का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान व बांग्लादेश की मौजूदा सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है, जिन्होंने अतीत में दिक्कतों का सामना किया है।

राजनाथ ने कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने असम समझौते के प्रवाधानों व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के उचित व प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि बीते 35 सालों में असम समझौते के अनुच्छेद 6 के क्रियान्वयन के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया गया है।

नागरिकता संशोधन विधेयक पूर्वोत्तर तक सीमित नहीं : राजनाथ Reviewed by on . नई दिल्ली, 9 जनवरी (आईएएनएस)। लोकसभा में पारित नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के परिणामस्वरूप पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा की खबरों पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय गृ नई दिल्ली, 9 जनवरी (आईएएनएस)। लोकसभा में पारित नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के परिणामस्वरूप पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा की खबरों पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय गृ Rating:
scroll to top