वाशिंगटन, 18 जून (आईएएनएस)। अमेरिकी प्रतिनिधिसभा ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता में कटौती के दो संशोधनों को मतदान के जरिए खारिज कर दिया। मीडिया रपट में शनिवार को यह जानकारी दी गई है।
डॉन ऑनलाइन के अनुसार, वित्त वर्ष 2017 के लिए वार्षिक रक्षा विनियोग कानून पर शुक्रवार को बहस के दौरान टेक्सास के सांसद टेड पो और हवाई की महिला सांसद तुलसी गाबार्ड ने पाकिस्तान के लिए गठबंधन समर्थन कोष (सीएसएफ) 90 करोड़ डॉलर से घटा कर 70 करोड़ डॉलर करने का संशोधन पेश किया।
एक अन्य सांसद डाना रोहराबाकर ने अलग से संशोधन प्रस्ताव पेश करते हुए पाकिस्तान की पूरी सीएसएफ सहायता रोकने की मांग की।
इससे पहले मई में अमेरिकी प्रतिनिधिसभा ने पाकिस्तान के लिए वार्षिक डिफेंस आथराइजेशन बिल के हिस्से के रूप में 90 करोड़ डॉलर का सीएसएफ मंजूर किया था।
संसद ने दोनों संशोधनों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया, लेकिन बाद में जब इन सांसदों ने जोर दिया तो मतदान का सहारा लिया गया।
पो और गाबार्ड के संशोधन विधेयक के पक्ष में 191, जबकि इसके खिलाफ 230 मत पड़े।
रोहराबाकर के संशोधन के पक्ष में 84 और विरोध में 336 मत पड़े।
सीएसएफ की व्यवस्था अमेरिकी सहयोगियों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनके प्रयासों की क्षतिपूर्ति के लिए है। यह पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए सम्मिलित रूप से है। लेकिन पिछले हफ्ते अमेरिकी सीनेट ने एक विधेयक पारित किया, जिसमें पाकिस्तान की सहायता के लिए 80 करोड़ डॉलर अलग से देने का प्रस्ताव है। नए प्रस्ताव में पाकिस्तान को अफगानिस्तान से अलग भी कर दिया गया है। ऐसा पाकिस्तान का अलग रणनीतिक महत्व को देखते हुए किया गया है।
हालांकि सदन अब भी पुरानी व्यवस्था के तहत ही काम कर रहा है, जिसकी अवधि जल्द ही समाप्त होने वाली है। इसके तहत संसद को नई व्यवस्था के तहत योजना तैयार करनी है। किसी भी नई व्यवस्था को सीनेट और प्रतिनिधिसभा दोनों से मंजूरी लेनी होगी।
इन तीनों सांसदों ने प्रस्तावित संशोधनों की आलोचना की है।
रक्षा विनियोग समिति के अध्यक्ष न्यूजर्सी के रोडनी फ्रीलिंगुएसेना ने सीएसएफ की व्यवस्था के बारे में कहा कि यह निधि रक्षामंत्री को किसी भी प्रमुख सहयोगी देश को सामरिक किलाबंदी या सैन्य सहायता के लिए देने की मंजूरी देता है।
विनियोग समिति के प्रमुख डेमोक्रेट सदस्य सांसद पीटर विस्क्लोस्की ने भी संशोधन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कानून में खुद देखने की ऐसी व्यवस्था है कि यह राशि तभी जारी की जाए, जब यह प्रामाणित हो जाए कि पाकिस्तान आतंकवाद का मुकाबला करने में सहायता कर रहा है।
कांग्रेस सांसद शैला जैक्शन ली ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए पाकिस्तान की अपने स्तर से की गई कार्रवाइयों का उल्लेख किया। वह पाकिस्तान के कांग्रेसनल कॉकस की सह अध्यक्ष हैं।
उन्होंने सदन को चेताया कि पाकिस्तान एक परमाणु क्षमता वाला देश है और उसके साथ बातचीत करते रहने का यह भी एक कारण है।