Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 बांग्लादेश युद्ध अपराध के दोषी ने पुनर्विचार याचिका दायर की | dharmpath.com

Friday , 9 May 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » विश्व » बांग्लादेश युद्ध अपराध के दोषी ने पुनर्विचार याचिका दायर की

बांग्लादेश युद्ध अपराध के दोषी ने पुनर्विचार याचिका दायर की

ढाका, 5 मार्च (आईएएनएस)। बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के नेता मोहम्मद कमरूजमां के वकील ने गुरुवार को युद्ध अपराध के लिए मौत की सजा बरकरार रखने वाले फैसले पर अर्जी दायर की है।

ढाका, 5 मार्च (आईएएनएस)। बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के नेता मोहम्मद कमरूजमां के वकील ने गुरुवार को युद्ध अपराध के लिए मौत की सजा बरकरार रखने वाले फैसले पर अर्जी दायर की है।

बीडीन्यूज24 डॉट कॉम के मुताबिक, वकील शिशिर मोनीर ने पुष्टि की कि पुनर्विचार याचिका दायर की गई है।

बचाव पक्ष के पांच वकीलों ने बुधवार को कमरूजमां से ढाका सेंट्रल जेल में मुलाकात की।

बचाव पक्ष के वकील ने कहा, “कमरूजमां को फैसले की प्रति मुहैया कराई गई है और उसने उसे पढ़ लिया है। एक न्यायमूर्ति ने फैसले में भिन्न विचार व्यक्त किया है और हमारी पुनर्विचार याचिका उन्हीं के बिंदु का अनुसरण करेगा।”

कमरूजमां 1971 में इस्लामी छात्र संघ के मैमनसिंह में तत्कालीन अध्यक्ष थे। बंग मुक्ति युद्ध के दौरान वह क्षेत्र में अल बद्र के ‘मुख्य संयोजक’ थे।

मई 2013 में उन्हें अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी)-2 ने मृत्यु दंड सुनाया था। उनके खिलाफ अभियोजन पक्ष द्वारा लगाए गए सात में से पांच आरोप में न्यायाधिकरण ने उन्हें दोषी पाया।

अदालत ने कहा कि बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष को खत्म करने में पाकिस्तान सेना की मदद करने के लिए निगरानी मिलीशिया अल बद्र का गठन किया गया था।

कमरूजमां को पत्रकार गुलाम मुस्तफा की हत्या और शेरपुर के नलिताबारी के शोहागपुर गांव में 25 जुलाई 1971 को 120 पुरुषों की हत्या और महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने संबंधी दो आरोपों के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी।

उसकी मौत की सजा को नवंबर 2014 में बरकरार रखा गया। लेकिन अदालत ने गुलाम मुस्तफा को बंधक रखने और प्रताड़ना के बाद उनकी हत्या के लिए मौत की सजा को घटा दिया और उम्रकैद में बदल दिया।

सर्वोच्च न्यायालय का पूर्ण आदेश जारी होने के बाद आईसीटी-2 के तीन न्यायाधीशों ने 19 फरवरी को कमरूजमां की फांसी के वारंट पर दस्तखत कर दिए। जेल में भेजे जाने के पहले कमरूजमां को फांसी का वारंट पढ़कर सुनाया गया।

कानून के मुताबिक, पूर्ण आदेश प्रकाशित होने के 15 दिनों के भीतर उसे पुनर्विचार याचिका दायर करने का अधिकार है।

बांग्लादेश युद्ध अपराध के दोषी ने पुनर्विचार याचिका दायर की Reviewed by on . ढाका, 5 मार्च (आईएएनएस)। बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के नेता मोहम्मद कमरूजमां के वकील ने गुरुवार को युद्ध अपराध के लिए मौत की सजा बरकरार रखने वाले फैसले पर ढाका, 5 मार्च (आईएएनएस)। बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी (जेआई) के नेता मोहम्मद कमरूजमां के वकील ने गुरुवार को युद्ध अपराध के लिए मौत की सजा बरकरार रखने वाले फैसले पर Rating:
scroll to top