नेशनल कंफेडरेशन ऑफ वर्कस ऑफ द फाइनेंशियल सेक्टर (सीओएनटीआरएएफ) ने बताया कि यह देश में अब तक की सबसे लंबी हड़ताल है।
वेतन वृद्धि और अन्य लाभों की मांगों को लेकर निजी और सार्वजनकि बैंकों के कर्मचारियों ने सितंबर की शुरुआत में ही हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। उनका उद्देश्य अपनी मांगों को लेकर नियोक्ताओं पर दबाव बनाना है।
बैंककर्मियों की प्रमुख मांगों में मुनाफे का बड़ा हिस्सा, न्यूनतम मासिक वेतन 3,940 रइस (1,194 डॉलर) भोजन बोनस में वृद्धि और छंटनी में कमी शामिल है।
इस हड़ताल की शुरुआत बैंक मालिकों द्वारा 14.78 प्रतिशत वेतन वृद्धि से इनकार किए जाने के बाद हुई। बैंक मालिकों ने केवल 6.5 प्रतिशत वेतन वृद्धि की पेशकश की, जो 2016 की मुद्रास्फीति की दर की तुलना में काफी कम है।