उत्तर कोरिया द्वारा परमाणु परीक्षण से बाज नहीं आने की वजह से संयुक्त राष्ट्र ने नए प्रस्ताव के जरिए उस पर लगे प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया है।
उत्तर कोरिया ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है, “यह एक संप्रभु एवं रक्षात्मक देश को अलग-थलग करने के लिए किया गया बदतरीन और बेहद साफ नजर आने वाला अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक कृत्य है।”
बयान में कहा गया है कि यह प्रस्ताव उत्तर कोरिया के ‘न्यायोचित उद्देश्यों और संप्रभुता को बुरी तरह चेतावनी देने वाला’ और ‘सर्वाधिक घृणित उकसाने वाला’ है।
उत्तर कोरिया ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया और कहा है कि वह जवाब में ऐसे कदम उठाएगा ‘जिसमें मजबूत और निष्ठुर जवाबी कार्रवाई के सभी उपाय समाहित होंगे।’
उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी है कि वह अपनी संप्रभुता में इस तरह की दखलंदाजी और अस्तित्व के अधिकार को दी जा रही चुनौती का मूकदर्शक नहीं बना रहेगा।
बयान में कहा गया है कि ‘यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा गढ़ा गया एक आपराधिक दस्तावेज है और ऐसा अमेरिका, अन्य महत्वपूर्ण देशों और उनके समर्थकों के इशारे पर किया गया है।’
उत्तरी कोरिया ने कहा है कि अगर कोरियाई प्रायद्वीप में ‘कोई अवांछित’ घटना होती है तो इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले अमेरिका व अन्य देश इसके लिए और इसके नतीजों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे।