नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मंगलवार को करदाताओं के साथ 20 एकतरफा अग्रिम मूल्य निर्धारण करार (एपीए) पर हस्ताक्षर किया, ताकि ट्रांसफर प्राइसिंग के क्षेत्र में निश्चितता प्रदान किया जा सके।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि इन समझौतों पर सोमवार और मंगलवार को हस्ताक्षर किए गए और इनमें कई के साथ ‘रोलबैक (वापस लेना)’ का प्रावधान भी है।
एपीए योजना को आयकर अधिनियम 2012 में लाया गया था और रोलबैक प्रावधान 2014 में लाया गया था।
बयान में आगे कहा गया है, “इस योजना के तहत करदाताओं को ट्रांसफर प्राइसिंग के तहत प्राइसिंग के तरीकों और अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन के मूल्य निर्धारण में पांच साल पहले ही बता दिया जाता है।”
बयान में कहा गया है, “इसके अलावा इस योजना के तहत करदाताओं को रोलबैक का विकल्प भी दिया जाता है।”
एपीए योजना की शुरुआत से ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों में इसमें काफी रुचि रही है और अब तक चार सालों में ही 700 से अधिक आवेदन (एकतरफा और द्विपक्षीय दोनों) दाखिल किए गए हैं।
इन दो दिनों में 20 यूपीए पर हस्ताक्षर किए गए जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित है, जिनमें सूचना प्रौद्योगिकी, बैंकिंग और वित्त, बीमा, मानव संसाधन, फार्मास्यूटिकल, सौर ऊर्जा, तेल और गैस, फूड और बेवरेज, टेलीकम्यूनिकेशन और एनजीओ प्रमुख हैं।
इनके साथ ही सीबीडीटी के माध्यम से एपीए पर हस्ताक्षर करनेवालों की कुल संख्या बढ़कर 98 पहुंच चुकी है, जिनमें चार द्विपक्षीय समझौते और 94 एकतरफा समझौते हैं।