नई दिल्ली, 7 दिसम्बर – वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि अधिकतर मुख्यमंत्रियों ने योजना आयोग को एक वैकल्पिक संरचना से बदलने का समर्थन किया है, जिसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा विशेषज्ञों की भागीदारी हो। वित्त मंत्री ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “अधिकतर मुख्यमंत्रियों का यह भी मानना था कि नए संस्थान में केवल केंद्र सरकार की ही भूमिका नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “ज्यादातर मुख्यमंत्री एक वैकल्पिक संरचना के पक्ष में थे, जिसमें केंद्र, राज्य तथा विशेषज्ञों की भागीदारी हो। अधिकतर योजना आयोग को बदलने के पक्ष में थे।”
कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों का नाम लिए बिना जेटली ने कहा कि कुछ मुख्यमंत्री मौजूदा निकाय में ही बदलाव के पक्षधर थे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया, जबकि उनके राज्य का प्रतिनिधित्व उनकी सरकार के वित्त मंत्री ने किया।
उन्होंने कहा कि विकेंद्रीकरण तथा राज्यों को मजबूत करने के समर्थन में ममता ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा है।
जेटली ने कहा कि बैठक के बाद एक रिट्रीट हुई, जो एक अनौपचारिक बैठक थी। इस दौरान अधिकारी मौजूद नहीं थे।
उन्होंने कहा कि एक बार नया निकाय बनाने को लेकर अंतिम फैसला हो जाए, उसके बाद पांच वर्ष के मुद्दे का समाधान निकाल लिया जाएगा।
जेटली ने कहा कि मोदी ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का हवाला देते हुए कहा कि कार्यकाल के आखिर में योजना आयोग पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया था।
मोदी के मुताबिक, योजना आयोग की जगह एक ऐसा निकाय लेगा, जो संघीय ढांचे को मजबूत कर सके और राज्यों को ऊर्जान्वित कर सके।
प्रधानमंत्री के मुताबिक, “जबतक राज्यों को विकसित नहीं किया जाता, राष्ट्र को विकसित करना असंभव है। ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर तक बदलाव के लिए भी नीतिगत प्रक्रिया की योजना बनाने की जरूरत है।”
जेटली ने कहा, “गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने योजना आयोग की बैठक में भाग लेते हुए महसूस किया था कि राज्यों के विचारों को समाहित करने के लिए बेहतर मंच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विकास अब हर किसी की प्राथमिकता है तथा आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए नई व्यवस्था विकसित करने का समय आ गया है।”
वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी के मुताबिक, नीतिगत प्रकिया की योजना बनाने के लिए ऊपर से नीचे तथा नीचे से ऊपर तक बदलाव करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “कुछ देशों जैसे अमेरिका में सरकार से स्वतंत्र रूप में काम करने वाले थिंक टैंकों का नीति-निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण योगदान होता है।”