द हेग, 26 मार्च (आईएएनएस)। फुटबाल के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम दर्ज कराने वाले दिवंगत खिलाड़ी जोहान क्रूफ कैंसर से अपनी लड़ाई हार गए।
नीदरलैंड्स को अपने बेहतरीन फुटबाल खेल से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले 68 वर्षीय क्रूफ ने गुरुवार को बार्सिलोना में अपने निवास में अंतिम सांस ली।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, कैंसर के कारण उनके निधन से नीदरलैंड्स गहरे सदमे में है।
डच किंग विलिएम-एलेक्जेंडर, प्रधानमंत्री मार्क रूट, साथी खिलाड़ी रह चुके डिएगो माराडोना, पेले और बार्सिलोना के स्टार लियोनेल मेसी ने क्रूफ को श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रीय टेलीविजन और रेडियो चैनलों ने अपने प्रसारण के कार्यक्रम में फेरबदल कर क्रूफ को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हीं से संबंधित खबरों का प्रसारण किया।
क्रूफ को याद करते हुए एम्सटर्डम के ओलम्पिक स्टेडियम में मौजूद उनकी प्रतिमा पर सभी प्रशंसकों ने फूल चढ़ाकर अपना दुख जाहिर किया।
सभी डच समाचार पत्रों ने अपने अखबारों के पन्नों को क्रूफ की याद में समर्पित किया। इन पन्नों पर उनकी उपलब्धियों की स्मृतियां साफ देखी जा सकती हैं।
केवल 17 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत करने वाले क्रूफ के समान खेलना किसी के लिए आसान नहीं था। एम्सटर्डम में जन्मे इस खिलाड़ी ने जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता हासिल कर ली और विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की सूची में शुमार हो गए।
उन्होंने तीन बार ‘बालोन डी ओर’ खिताब जीता और नौ चैम्पियनशिपों में एजाक्स का नेतृत्व भी किया। उनके प्रतिनिधित्व नें टीम ने तीन यूरोपीय खिताब, इंटरकांटिनेंटल कप जीता।
क्रूफ के लिए इन सब उपलब्धियों से अधिक महत्वपूर्ण था उनका प्रेरक बनना।
क्रूफ के लोकप्रियता हासिल करने से पहले नीदरलैंड्स को फुटबाल जगत में कोई खास मुकाम हासिल नहीं था। दिवंगत खिलाड़ी के बेहतरीन खेल और कोच रिनुस मिशेल के प्रशिक्षण से देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
इसके साथ क्रूफ ने एजाक्स और बार्सिलोना को भी एक नई पहचान दिलाई। एक खिलाड़ी के तौर पर उपलब्धियां हासिल करने के बाद भी उन्होंने फुटबाल जगत को अलविदा नहीं किया।
कोच के तौर पर उन्होंने एजाक्स और इसके बाद बार्सिलोना का नेतृत्व किया। इस प्रतिनिधित्व से इन क्लबों ने कई ट्रॉफियां जीतीं।
क्रूफ के निधन के बाद ही उनका नाम और उनके विचार भविष्य में भी सभी के दिलों में जिंदा रहेंगे। केवल इतना ही नहीं जोहान क्रूफ यूनिवर्सिटी और जोहान क्रूफ फाउंडेशन और कई अन्य स्मृतियों के साथ विभिन्न स्तरों पर उनकी विरासत कार्य करना जारी रखेगी।