नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट (आईएचडी) के 20 साल पूरे होने पर दिल्ली में आयोजित एक समारोह में जेनेवा स्थित अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) में उपमहानिदेशक (नीति) सैंड्रा पोलास्की सहित कई वक्ताओं ने नौकरियों के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों और बदलावों पर विमर्श किया।
यहां इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित समारोह में आईएचडी की दूसरी 10 वार्षिक व्याख्यान श्रृंखला की शुरुआत सैंड्रा पोलास्की के भाषण से हुई। ‘द फ्यूचर ऑफ वर्क’ विषय पर सैंड्रा ने रोजगार के क्षेत्र में मौजूदा रुझान का खाका खींचा और नौकरियों के क्षेत्र में आ रही चुनौतियों और बदलावों की चर्चा की।
इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के सहयोग से किया गया।
पोलास्की ने रोजगार आधारित विकास एजेंडे पर जोर देते हुए उन सभी चुनौतियों पर विश्वव्यापी नजरिया पेश किया, जिनसे कार्यस्थलों या दफ्तरों में काम करने वाले रोजाना रूबरू होते हैं। उन्होंने इस संदर्भ में भारत का विशेष तौर पर जिक्र किया।
उन्होंने विश्व में लगातार बढ़ रहे उत्पादन और विकसित हो रहे व्यापारिक नेटवर्क के संदर्भ में अच्छे काम की गुणवत्ता बरकरार रखने की चुनौती पर जोर दिया। उन्होंने विश्व में काम के तेजी से बदलते माहौल को देखते हुए नीति निर्माताओं से वास्तविक और मूलभूत बदलाव की अपील की।
सैंड्रा ने कहा, “अब नीति निर्माताओं को तकनीक के क्षेत्र में दिन पर दिन आने वाले बदलावों को देखना होगा। फैक्ट्री या कंपनियों में अब काम करने का माहौल बदल रहा है। नए जमाने में कपनियां उत्पादन और व्यापार की नीतियों के साथ काम का ढंग भी बदल रही हैं, इसलिए अब मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में नीति निर्माताओं को अपनी नीतियां बदलनी होंगी।”
भारत सरकार के सांख्यिकी मंत्रालय के मुख्य सांख्यिकीविद और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के सचिव प्रोफेसर टी.सी.ए. अनंत ने इस मुद्दे पर विशेष टिप्पणी की। आईआईएम बेंगलुरू में सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी और हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में ग्लोबल हेल्थ एंड पॉपुलेशन की संयुक्त प्रोफेसर गीता सेन ने भी अपने विचार सामने रखे।
श्रम और रोजगार मंत्रालय में सचिव शंकर अग्रवाल ने भी समारोह को संबोधित किया। समारोह की अध्यक्षता आईएचडी के चेयरमैन प्रोफेसर एस.आर. हाशिम ने की।
इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट में निदेशक प्रोफेसर अलख शर्मा ने कहा कि आईएचडी संस्थान की स्थापना की 20वीं सालगिरह का उत्सव एक साल तक मनाया जाएगा। इसके लिए अक्टूबर 2015 से कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें दूसरी कई गतिविधियों के अलावा 10 वार्षिक व्याख्यान श्रृंखला योजना का महत्वपूर्ण भाग है। इसमें विश्व के कई भागों से मशहूर शिक्षाविदों और पेशेवरों को आमंत्रित किया जाएगा। इसी कड़ी में मिस सैंड्रा पोलास्की का भाषण पहला है।