वाशिंगटन/नई दिल्ली, 22 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की कोटा प्रणाली की समय-समय पर समीक्षा की मांग करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली के जोखिमों को कम करने के लिए कोटा आधारित स्थायी संसाधन संरचना बनाने की अपील की।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक व वित्तीय समिति की बैठक में दिए अपने भाषण में यह मांग की गई। वित्तमंत्री की अनुपस्थिति में उनका यह भाषण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल ने शनिवार को प्रस्तुत किया।
विश्व बैंक और आईएमएफ की वसंत की बैठक में पहुंचे भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई उर्जित पटेल कर रहे हैं। बैठक में सदस्य देशों के वित्त मंत्री व केंद्रीय बैंक के प्रमुख एक साथ पहुंचे हैं।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में जेटली ने कहा, “आईएमएफ के लिए मजबूत कोटा आधारित स्थायी संसाधन संरचना से वैश्विक वित्तीय सुरक्षा नेट (जीएफएसएन) सुदृढ़ होगा और अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली के जोखिम कम होंगे।”
जेटली ने कहा, “हम 2019 की बैठक तक आम कोटा समीक्षा (जीआरक्यू) पूरा होने पर साझा बहुपक्षीय प्रतिबद्धता का समर्थन करते हैं, मगर 2019 की सालाना बैठक के बाद नहीं, क्योंकि हम उभरते हुए उन बाजारों व विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का कोटा फिर से बनाने की मांग करते हैं, जिनका प्रतिनिधित्व आगे 0.5 फीसदी अंक बढ़कर अंतिम रिपोर्ट में 7.5 फीसदी हो गया है।”