मुंबई, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय फुटबाल टीम के कप्तन सुनील छेत्री का मानना है कि बेहद लोकप्रिय रहा इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) का आई-लीग में समावेशन कर 16-18 टीमों वाले एक लीग टूर्नामेंट का आयोजन भारतीय फुटबाल के लिए लाभकारी साबित होगा।
मुंबई, 24 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय फुटबाल टीम के कप्तन सुनील छेत्री का मानना है कि बेहद लोकप्रिय रहा इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) का आई-लीग में समावेशन कर 16-18 टीमों वाले एक लीग टूर्नामेंट का आयोजन भारतीय फुटबाल के लिए लाभकारी साबित होगा।
भारत के लिए सर्वाधिक गोल कर चुके छेत्री ने आईएसएल और आई-लीग के एकीकरण की घोषणा के बाद अपने विचार रखे।
अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव कुशाल दास ने बीते शनिवार को कहा था कि आगामी दो-तीन वर्षो में आई-लीग को आईएसएल में मिला लिया जाएगा।
आईएसएल की फ्रेंचाइजी मुंबई सिटी एफसी की नई जर्सी के उद्घाटन समारोह से इतर छेत्री ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “देश में सिर्फ एक लीग टूर्नामेंट को मैं पसंद करूंगा..जिसमें 16-18 टीमें हिस्सा लें और जो करीब 11 महीने तक चले। इसका प्रारूप इंग्लैंड के एफए कप की तर्ज पर फेडरेशन कप जैसा होना चाहिए।”
आईएसएल के दूसरे संस्करण के लिए मुंबई से जुड़ने वाले छेत्री ने कहा, “मैं सिर्फ इतना चाहता हूं कि चीजें ठीक से काम करें। आई-लीग, आईएसएल और फेडरेशन कप तथा एआईएफएफ साथ बैठें और नए लीग टूर्नामेंट का प्रारूप तैयार करें। भारतीय फुटबाल के लिए यह शानदार होगा।”
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रही भारतीय फुटबाल टीम के लिए मुख्य कोच स्टीफेन कोनस्टैंटाइन ने कुछ समय पहले दुनिया भर में खेलने वाले भारतीय मूल के खिलाड़ियों को भारतीय राष्ट्रीय टीम में शामिल करने का सुझाव रखा।
वहीं छेत्री का मानना है कि यह एक अस्थायी उपाय ही होगा।
देश के प्रतिष्ठित क्लब मोहन बागान के लिए खेल चुके स्ट्राइकर छेत्री ने यह भी कहा कि चुने गए खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम के अनुकूल खुद को चुस्त-दुरुस्त भी रखना होगा।
चार बार (2007, 2011, 2013, 2014) एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर रह चुके छेत्री ने कहा, “हमारे देश की आबादी 1.3 अरब है। हमें बाहर से खिलाड़ी लाने की जरूरत नहीं है। लेकिन अब कोनस्टैंटाइन का मानना है कि हमारे देश में जो खिलाड़ी मौजूद हैं वह उनसे उम्दा खिलाड़ी बाहर से ला सकेंगे। अगर ऐसा हो भी पाता है तो यह केवल अस्थायी समाधान ही होगा।”
छेत्री ने कहा, “अगर ऐसा होता भी है तो यह सुनिश्चित करना होगा कि विदेश से जो भी तीन-चार खिलाड़ी चुने जाते हैं वे सीधे राष्ट्रीय टीम में शामिल किए जाने की योग्यता रखते हों। हम कैंप में 30 खिलाड़ियों को ट्रायल पर नहीं ले जा सकते।”
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए 50 गोल कर चुके छेत्री का मानना है कि भारतीय फुटबाल विकास की सही राह पर है, सिर्फ इसमें तेजी लाए जाने की जरूरत है।