लेह, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। बौद्ध आध्यात्मिक गुरु और दुनिया भर में भ्रमण करते रहने वाले पर्यावरणविद ग्यालवांग द्रुकपा चाहते हैं कि आतंकियों को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए।
लेह, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। बौद्ध आध्यात्मिक गुरु और दुनिया भर में भ्रमण करते रहने वाले पर्यावरणविद ग्यालवांग द्रुकपा चाहते हैं कि आतंकियों को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए।
आतंकवाद ने दुनिया भर में खतरनाक स्तर हासिल कर लिया है, इसके बावजूद ग्यालवांग द्रुकपा ने अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस (21 सितंबर) पर आईएएनएस से कहा, “हम लोग उन्हें सुनने और समझने का पर्याप्त मौका नहीं दे रहे हैं।”
लेह से करीब 45 किलोमीटर दूर हिमालय में 17वीं सदी के हेमिस बौद्ध मठ के करीब नारो पैलेस में बैठे द्रुकपा ने दुनिया भर में तेजी से हिंसा फैलने के बारे में कहा, “सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए कि उसकी समस्या क्या है। कुछ ऐसी समस्या हो सकती है जो उसे चिढ़ पैदा करने वाला बना रहा हो।”
उन्होंने कहा, “उनके पास बात करने के लिए ऐसा कुछ है, तो आप उन्हें बात करने दें और उनकी सुनें।” इनका मानना है कि जीवन में प्रगति को आध्यात्मिक एवं सांसारिक दोनों मोचरें पर होनी चाहिए। वह लद्दाख के चार प्रमुख बौद्ध संप्रदायों में एक के प्रमुख हैं। उनके करीबी दावा करते हैं कि दुनिया भर में इनके 2.7 करोड़ से अधिक अनुयायी हैं।
उन्होंने कहा, “आप जानते हैं कि उनके साथ लड़ने और हथियारों का इस्तेमाल करने की जगह हमें उनसे पहले बात करनी चाहिए और उनसे सहयोग करना चाहिए।”