नई दिल्ली, 28 दिसम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘जन-विरोधी’ बताते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को उनसे नोटबंदी के फैसले के बाद 50 दिनों की समय सीमा खत्म होने के बाद भी लोगों को हो रही दिक्कतों की जिम्मेदारी लेने को कहा।
मीडिया को संबोधित करते हुए आप के नेता आशुतोष ने कहा कि नोटबंदी की घोषणा के बाद से 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई, जबकि लाखों लोग बेरोजगार हो गए।
उन्होंने कहा, “आठ नवंबर को प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि 50 दिनों बाद स्थिति सामान्य हो जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि 50 दिनों में स्थिति नहीं सुधरी तो इसके वह ही जिम्मेदार होंगे।”
आशुतोष ने कहा, “नोटबंदी की घोषणा के बाद 50 दिन अब बीत गए हैं। किसानों की मुश्किलें अभी भी बरकरार हैं, मजदूरों ने अपनी नौकरियां खो दी हैं। छोटे व्यापारी परेशान हैं क्योंकि उनका व्यापार चौपट हो गया। सौ से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवां दी और कई शादियां नकदी की कमी के कारण टूट गईं। इस सब के लिए कौन जिम्मेदार है?”
आप नेता ने कहा कि क्यों प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के कारण हुई मौतों पर एक शब्द भी बोलकर अपनी सहानुभूति नहीं जताई?
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी अखलाक की हत्या, नजीब अहमद के लापता होने और रोहित वेमुला की आत्महत्या पर कुछ नहीं बोले। हमारा मानना है कि भाजपा की विचारधारा के अनुसार मोदी दलित विरोधी और अल्पसंख्यक विरोधी हैं।”
उन्होंने कहा, “लेकिन, अब भी वह एक शब्द सहानुभूति के नहीं बोले जब उनके फैसले की वजह से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।”
आशुतोष ने कहा, “अब लोग जानना चाहते हैं कि क्या वह जन-विरोधी भी हैं।”