मुंबई, 29 सितम्बर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को नए निजी निवेश में गिरावट, बैंकों की तनावग्रस्त संपत्तियों, कारोबारी विश्वास में गिरावट और सुस्त वैश्विक विकास का हवाला देते हुए मौजूदा कारोबारी साल के लिए विकास दर के पूर्व घोषित अनुमान को घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया।
आरबीआई ने द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद जारी बयान में कहा, “वैश्विक विकास और व्यापार में उम्मीद से अधिक सुस्ती, निजी क्षेत्र में निवेश के प्रति कोताही, बैंकों के बुरे ऋण और कारोबारी माहौल में जारी गिरावट के साथ 2015-16 के लिए विकास दर के अनुमान को पूर्व घोषित 7.6 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी किया जाता है।”
भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को वाणिज्यिक बैंकों को छोटी अवधि के लिए दिए जाने वाले ऋण की दर, रेपो दर को 50 आधार अंक घटाकर 6.75 फीसदी कर दिया।
उल्लेखनीय है कि गत महीने वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विसिस ने भी मौजूदा कारोबारी साल के लिए देश की विकास दर के अनुमान को 50 आधार अंक घटाकर सात फीसदी कर दिया।