नई दिल्ली, 27 मार्च (आईएएनएस)। भारत की मेजबानी में मंगलवार से शुरू हो रहे योनेक्स सनराइज इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहीं भारत की सायना नेहवाल, पी. वी. सिंधु और ओलम्पिक चैम्पियन स्पेन की कैरोलिना मारिन ने टूर्नामेंट में कड़ी प्रतिस्पर्धा की उम्मीद जताई है।
यह टूर्नामेंट राष्ट्रीय राजधानी के सिरी फोर्ट स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 28 मार्च से दो अप्रैल तक खेला जाएगा।
टूर्नामेंट से पहले आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार को विश्व बैडमिंटन जगत की तीन बड़ी खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने की बात कही।
सायना पिछले साल घुटने की चोट के कारण परेशान थीं जिसका असर रियो ओलम्पिक में भी दिखा था। इसके बाद उन्होंने सर्जरी कराई और लंबे समय के बाद कोर्ट पर वापसी की। हालांकि सायना का मानना है कि चोट से वापसी करना आसान नहीं होता। इसमें समय लगता है।
सायना ने कहा, “मुझे सर्जरी का पता नहीं था, कितना विशेष होता है ये। लेकिन अब मालूम हो गया है कि वापसी करना कितना मुश्किल होता है। सर्जरी का पता नहीं चलता कि कब हो गई लेकिन इसके बाद वापसी मुश्किल हो जाती है। आप अपनी लय खो देते हो, आपका टच चला जाता है। इसके बाद लय पकड़ने में समय लगता है।”
उन्होंने कहा, “लय पकड़ना निर्भर करता है कि आप कितने मैच खेलते हो। जब वापसी करते हो तो कई बार आप मैच पर से नियंत्रण खो देते हो। यह आसान नहीं होता। ऐसा नहीं होता की आप आते ही मैच जीतने लगते हो। यह सिर्फ शारीरिक नहीं मानसिक भी होता है। चिंता रहती है कि कहीं फिर से कुछ हो न जाए। काफी चीजें बिगड़ जाती हैं।”
उन्होंने कहा, “मैच खेलने से सुधार होगा। मैं खुश हूं कि मैं सुधार कर रही हूं। टूर्नामेंट खेलने से मेरे अंदर सुधार हो रहा है और इससे मैं खुश हूं। अभ्यास करने से सही पता नहीं चलता ये सिर्फ टूर्नामेंट में ही पता चलता है कि कितना सुधार हुआ है।”
सायना से जब पूछा गया कि क्या उन पर दबाव कम होगा तो उन्होंने कहा कि यह कई बार अच्छा होता है कि आप पर दबाव न हो।
सायना ने कहा, “जब शुरू किया था तो उसी को याद कर लो जब लाइमलाइट नहीं थी, कुछ ऐसा ही है। जब दबाव नहीं रहता है तो अच्छा लगता है। जब कभी आप से उम्मीदें नहीं रहती हैं तो यह अच्छा होता है।”
रियो ओलम्पिक-2016 में भारत को रजत पदक दिलाने के बाद सिंधु पहली बार इंडियन ओपन में उतर रही हैं। सिंधु से जब पूछा गया कि क्या उन पर दवाब होगा तो उन्होंने कहा कि वह इस पर ध्यान नहीं दे रहीं हैं उनका ध्यान अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर है।
सिंधु ने कहा, “जाहिर सी बात है बात है उम्मीदें ज्यादा होती हैं। लेकिन मैं अपना सर्वश्रेष्ठ खेल खेलने की कोशिश करूंगी। मेरा ध्यान अपने खेल पर होगी न कि दूसरों के खेल पर इससे सिर्फ मुझ पर दबाव बढ़ेगा। यह मुश्किल टूर्नामेंट होने वाला है इसलिए मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगी।”
रियो ओलम्पिक-2016 के फाइनल में सिंधु को मात देने वाली मारिन भी इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही हैं। मारिन ने जनवरी में हुई प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) में हिस्सा लिया था। मारिन ने कहा कि उन्हें वापस भारत आकर बेहद खुशी हो रही है।
मारिन ने कहा, “भारत में वापस आने से मैं बेहद खुशी महसूस कर रही हूं। ओलम्पिक फाइनल के बाद मेरे यहां प्रशंसक बढ़ गए हैं। मैं यहां पीबीएल में भी खेली थी। यह टूर्नामेंट बेहद मुश्किल होने वाला है। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने और इसका लुत्फ उठाने तैयार हूं।”
मारिन ने कहा, “मैं इस टूर्नामेंट में जीतने के लिए बेसब्र हूं। मुझे बीते दिनों चोट थी इसलिए मैंने येमेन ओपन से नाम वापस लिया था। मैं उम्मीद करती हूं कि मैं यह टूर्नामेंट जीतूं।”