इंदौर, 25 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले का ग्रामीण इलाका खुले में शौच की समस्या से मुक्त हो गया है। यह देश का दूसरा ऐसा जिला बन गया है, जिसका ग्रामीण इलाका पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त हुआ है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जिले की सभी 312 ग्राम पंचायत के तहत आने वाले 610 गांवों में शौचालय बनाए गए। सभी लोग इन शौचालयों का उपयोग कर रहे हैं और विभिन्न दलों ने इसका प्रमाणीकरण भी कर दिया है।
इंदौर के जिलाधिकारी पी. नरहरि की ओर से रविवार को दी गई जानकारी में बताया गया कि इस कार्य में गांव के बच्चों ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन बच्चों की एक ‘वानर सेना’ बनाई गई, जिन्होंने अपने माता-पिता से जिद कर घरों में शौचालय बनवाए और लोगों को खुले में शौच करने से रोका।
इस कार्य में गांव की महिलाएं भी पीछे नहीं रही। उन्होंने घर-घर जाकर इसकी अलख जगाई। बच्चे और महिलाएं सुबह चार बजे से लगातार इस बात की निगरानी करते हैं कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच करने न जाए।
नरहरि के मुताबिक, ‘वानर सेना’ में जिले के 10 हजार से अधिक बच्चे हैं और यह लगातार सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही महिलाओं ने खुले में शौच के विरुद्ध वातावरण बनाने के लिए लोकगीतों को अपना हथियार बनाया। जन-प्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने तरीके से लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया। कई जगह उन्होंने आर्थिक सहयोग कर भी लोगों के घरों में शौचालय बनवाए।
आधिकारिक तौर पर दावा किया गया है कि इंदौर जिले का पूरा ग्रामीण क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो गया है। इस घोषणा के साथ ही यह पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के बाद देश का दूसरा जिला बन गया है, जिसका ग्रामीण इलाका खुले में शौच की समस्या से मुक्त है।
इंदौर देश का ऐसा पहला मॉडल राज्य है, जिसमें आम जनता ने आगे बढ़कर इस काम में भागीदारी की और स्वयं इसकी मांग की।