संयुक्त राष्ट्र, 28 फरवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इराक के मोसुल शहर में आतंकी संगठन आईएस के आतंकवादियों द्वारा धार्मिक और सांस्कृतिक कलाकृतियों के विनाश और दुर्लभ पांडुलिपियों को जलाने की घटना की निंदा की है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, शुक्रवार को सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी कर इराक में आईएस द्वारा चलाए जा रहे बर्बर आतंकवादी कृत्यों की कड़ी निंदा की और इराक व सीरिया में सांस्कृतिक विरासतों को नष्ट करने और धर्मस्थलों और वस्तुओं को निशाना बनाकर उन्हें नष्ट करने के कृत्यों की कड़ी निंदा की।
हाल ही में एक वीडियो जारी किया गया था, जिसमें दिखाया गया है कि आईएस के आतंकवादी शक्तिशाली हथौड़ों से लैस थे और वे अमूल्य प्राचीन कलाकृतियों को तोड़ रहे थे। उन्होंने मोसुल संग्रहालय को भी ध्वस्त कर दिया है।
रपट में कहा गया है कि आतंकवादियों ने मोसुल पुस्तकालय में से हजारों किताबें और दुर्लभ पांडुलिपियों को जला दिया।
सुरक्षा परिषद ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आईएस और अलकायदा से जुड़े अन्य व्यक्ति, समूह, और संस्थाएं इराक और सीरिया से पुरातत्व स्थलों, संग्रहालयों, पुस्तकालयों, अभिलेखागारों और अन्य स्थलों से सांस्कृतिक विरासतों की तस्करी और लूटपाट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होकर धन अर्जित रहे हैं। इस आय का प्रयोग भर्ती के प्रयासों का समर्थन करने और आतंकवादी संगठनों को अंजाम देने के लिए परिचालन क्षमता मजबूत करने में किया जाता है।
आतंकवादी समूह का मुकाबला करने के लिए सुरक्षा परिषद ने सरकारों और संस्थाओं से आम प्रयास करने का आह्वान किया है।
जिदाही समूह ने इराक में हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है, इनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक शामिल हैं।