लखनऊ, 29 फरवरी (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने केंद्र सरकार के आम बजट को ऊर्जा क्षेत्र के लिए पूरी तरह निराशाजनक बताया है। बिजली क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए मोदी सरकार लगातार बयानबाजी कर रही थी, लेकिन बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया।
लखनऊ, 29 फरवरी (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने केंद्र सरकार के आम बजट को ऊर्जा क्षेत्र के लिए पूरी तरह निराशाजनक बताया है। बिजली क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए मोदी सरकार लगातार बयानबाजी कर रही थी, लेकिन बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व विश्व ऊर्जा परिषद के स्थायी सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि परमाणु बिजली के लिए बजट में 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ साबित होने वाला है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बजट में 1 मई, 2018 तक सभी गांवों में 100 प्रतिशत बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 5542 गांवों तक बिजली के लिए लगभग 8500 करोड़ रुपये का प्रावधान है, लेकिन पूरे देश में आज भी गांवों से सटे लाखों मजरे हैं, उन्हें कब बिजली मिलेगी, इस पर बजट चुप है।
वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार यह भूल गई है कि गांवों में केवल लाइनों का जाल बिछाने से जनता का भला नहीं होने वाला। उन लाइनों में सस्ती बिजली कहां से आएगी, इसके लिए सरकारी क्षेत्र में नए उत्पादन गृह लगाने की दिशा में बजट में कोई प्रावधान न किया जाना निराशाजनक है।
उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि देश के उद्योगपति अपना वर्चस्व कायम कर महंगी बिजली बेचने का धंधा करेंगे। मोदी सरकार ने इसी का जुगाड़ किया है।