परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी व कार्यवाहक अध्यक्ष भूपेश अवस्थी ने आम बजट की आलोचना करते हुए कहा कि कर्मचारियों को उम्मीद थी कि आयकर स्लैब को बढ़ाया जाएगा, क्योंकि महंगाई दर सूचकांक बढ़ने पर स्लैब को बढ़ना ही चाहिए था।
दोनों नेताओं ने कहा कि अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी इन्कमटैक्स स्लैब में आ जाएगा, जबकि जो वेतन कर्मचारी को मिलता है वह पारिवारिक जीवन यापन के लिए व्यवस्थाओं के अनुरूप तय किया जाता है, कहीं आमदनी का प्रश्न ही नहीं उठता।
परिषद के पदाधिकारियों ने कहा कि भारतवर्ष के किसी भी उत्पाद या ठेकेदारी प्रथा में बाजारू दरें बनाते समय आयकर को पहले जोड़ा जाता है, फिर काट कर सरकार को आयकर के रूप में भुगतान किया जाता है। मगर कर्मचारियों के जीवकोपार्जन भत्ता में से आयकर काटा जाता है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह पुरानी पेंशन योजना नए कर्मचारियों के लिए लागू करने की बात कई बड़े स्तरों पर हो जाने के बाद भी इस बजट में उसका जिक्र नहीं किया गया है। इससे पूरा कर्मचारी समाज आक्रोशित है और इस बजट को कर्मचारी हित में नहीं मानता है।