एडीजीसी रमेश चंद्र पांडेय ने बताया कि वादी गोरखनाथ क्षेत्र स्थित एक नर्सिग होम के सामने लिट्टी-चोखा की दुकान चलाता था। उसकी मदद के लिए उसकी नाबालिग लड़की भी दुकान पर आती थी।
अभियुक्त वादी के दुकान पर बराबर आता था और उसका विश्वासपात्र बन गया था। 13 सितंबर 2012 की शाम छह बजे अभियुक्त पीड़िता को बहला-फुसलाकर भगा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
अदालत ने अभियुक्त को भगाने व दुष्कर्म करने के जुर्म में दोषी पाया और उसे सजा सुनाई।