लखनऊ , 28 मई (आईएएनएस)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक उमाशंकर सिंह की विधायकी को बहाल कर दिया है। यह फैसला न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी और न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी की पीठ ने सुनाया है।
लोकायुक्त की जांच के बाद चुनाव आयोग ने उमाशंकर की विधायकी को खत्म करने के लिए जो दलील दी थी, उसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
चुनाव आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राज्यपाल ने उमाशंकर की 6 मार्च 2012 से विधायकी खत्म कर दी थी। बसपा के उमाशंकर सिंह बलिया की रसड़ा विधानसभा सीट से 2012 में चुनाव जीते थे।
बलिया के सुभाषचंद्र सिंह ने बसपा विधायक उमाशंकर सिंह और तत्कालीन पीडब्ल्यूडी प्रमुख अभियंता (विकास) टी राम की शिकायत लोकायुक्त से की थी। आरोप लगाए कि टी. राम के निर्देश पर उमाशंकर सिंह की कंपनी छात्र शक्ति इंफ्रास्ट्रक्च र को नियमों को ताक पर रखकर पीडब्ल्यूडी के 55 ठेके दिए गए। इनमें से 25 ठेकों का काम पूरा नहीं हुआ था।
सुभाषचंद्र सिंह ने आरोप लगाया था कि उमाशंकर सिंह की कंपनी में टी. राम और बीएसपी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी की साझेदारी है। इसी तरह भाजपा विधायक बजरंग सिंह पर सिंचाई विभाग में नियमों को दरकिनार कर सरकारी ठेके लेने के आरोप हैं।