Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 उप्र में बढ़ रहा है सारस का कुनबा | dharmpath.com

Friday , 6 June 2025

Home » धर्मंपथ » उप्र में बढ़ रहा है सारस का कुनबा

उप्र में बढ़ रहा है सारस का कुनबा

सारस की तेजी से बढ़ रही संख्या से वन विभाग के आला अफसर गदगद हैं। वन विभाग सारस व अन्य प्रजातियों की हर साल गणना कराता है। प्रदेश में वर्ष 2015 की गणना में राज्य पक्षी सारस के लिए अच्छी खबर है।

प्रमुख वन संरक्षक डॉ. रूपक डे ने बताया कि प्रदेश में सारस की संख्या बढ़ाने के लिए वन विभाग ने सारस प्रोटेक्शन सोसाइटी गठित की है। यह सोसाइटी इस अद्भुत प्रजाति के संरक्षण के लिए ठोस उपाय कर रही है।

इस साल जनपद में सारस की संख्या बढ़कर 13,300 हो गई है। इस संख्या में सारस इसी सीजन में पैदा होने वाले नवजात शामिल नहीं है। पिछले साल की गणना में राजधानी के वेटलैंड में सारस की संख्या 12,362 थी। प्रेम और सौहार्द का प्रतीक माना जाने वाला पक्षी सारस को किसानों का मित्र माना जाता है। यह पक्षी जलीय पौधों, कीट व कृषि को हानि पहुचाने वाले छोटे जीवों को कम करने में मदद करता है।

प्रदेश की वेटलैंड कम होने तथा उनमें प्रदूषण होने, कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग जैसे कारणों से यह पक्षी हालांकि विलुप्ति के कगार पर पहुंचा चुका है।

उप्र में बढ़ रहा है सारस का कुनबा Reviewed by on . सारस की तेजी से बढ़ रही संख्या से वन विभाग के आला अफसर गदगद हैं। वन विभाग सारस व अन्य प्रजातियों की हर साल गणना कराता है। प्रदेश में वर्ष 2015 की गणना में राज्य सारस की तेजी से बढ़ रही संख्या से वन विभाग के आला अफसर गदगद हैं। वन विभाग सारस व अन्य प्रजातियों की हर साल गणना कराता है। प्रदेश में वर्ष 2015 की गणना में राज्य Rating:
scroll to top