संघ के राष्ट्रीय सचिव चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा कि वर्तमान में मछुआरा समाज अपने परम्परागत पेशों से वंचित हो बेकारी व भुखमरी की स्थिति में पहुंच गया है। मत्स्य पालन पट्टा का लगान बेतहाशा बढ़ा दिए जाने से गरीब मछुआरा समाज पट्टा पाने से वंचित हो रहा है।
उन्होंने बताया कि 21 को पहले दारूलशफा बी ब्लॉक के कॉमन हॉल में पूर्वाह्न् 11 से दोपहर दो बजे तक सामाजिक न्याय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद निषाद मछुआरा समाज की समस्याओं को लेकर दारूलशफा से करवार पतवार व जाल के साथ दो बजे जुलूस निकालकर विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।
निषाद ने बताया कि प्रदर्शन के जरिए मझवार, तुरैहा, गोड़ की पर्यायवाची मल्लाह, केवट, बिंद, मांझी, धीवर, धीमर, कहार, गोडिया, तुरहा, रायकवार, बाथम आदि को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ देने, विमुक्त जातियों का आरक्षण बहाल कर महाराष्ट्र पैटर्न पर देने या 17 अतिपिछड़ी जातियों को 7.5 प्रतिशत विशेष आरक्षण कोटा शिक्षा व सेवायोजन आदि में देने की मांग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देने का लाभ देने, श्रेणी-3 के तालाबों का पट्टा बहाल कर सिर धरी देने, नीति निर्धारण कर मत्स्य पालन पट्टा की लगान 1994-1995 की भांति कम कर स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ल रेट पर लागू करने, निषाद आरक्षण आंदोलन में शामिल लोगों पर कायम मुकदमा वापस लिए जाने जैसी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया जाएगा।