किसान इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक का ढाई लाख रुपये का बकायेदार था। उस पर साहूकारों का भी डेढ़ लाख रुपये बकाया है। किसान की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
कालीचरन (50) निवासी बिलगांव 11 एकड़ जमीन का काश्तकार था। उसने इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक पुरैनी शाखा से ढाई लाख रुपये कर्ज लेकर तेरह बीघे जमीन पर गेहूं की फसल बोई थी।
बताया जाता है कि खाद बीज और पानी के लिए भी किसान ने साहूकारों से डेढ़ लाख रुपये कर्ज लिया था।
कालीचरन के बेटे ने शनिवार की रात गेहूं की फसल की थ्रेसिंग कराई, जिसमें तेरह बीघे में मात्र 14 क्विंटल गेहूं निकलने पर कालीचरन गहरी चिंता में पड़ गया। वह खेत गया, जहां उम्मीदों पर पानी फिर जाने का गम बर्दाश्त नहीं कर सका। खेत में ही किसान ने दम तोड़ दिया।
कर्ज में डूबे किसान की मौत की जानकारी होते ही गांव के सैकड़ों लोग खेत पहुंच गए। लेखपाल भी मौके पर जाकर जांच पड़ताल की। रोते बिलखते परिजनों का कहना है कि तेरह बीघे की फसल से काफी उम्मीद थी, मगर थ्रेसिंग के बाद 14 क्विंटल गेहूं ही मिल सका। इतनी उपज से परिवार कैसे चलेगा।
इससे पहले भी हमीरपुर जिले के जरिया, जलालपुर, सुमेरपुर, कुरारा सहित कई इलाकों में करीब डेढ़ दर्जन किसानों की मौत हो चुकी है। कई किसानों ने तो फसल खराब होने और कम उपज होने के कारण अपनी जिंदगी ही खत्म कर ली है।