Sunday , 5 May 2024

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » भारत » एनसीआर में पेट कोक, फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल संबंधी याचिका खारिज

एनसीआर में पेट कोक, फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल संबंधी याचिका खारिज

नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पेट कोक और फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने के लिए उद्योगों द्वारा दायर याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को खारिज कर दिया।

नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पेट कोक और फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने के लिए उद्योगों द्वारा दायर याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को खारिज कर दिया।

न्यायालय ने ‘नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन’ (एनटीपीसी) की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने वैकल्पिक ईधन को इस्तेमाल में लाने की उचित व्यवस्था होने तक समय को बढ़ाने की मांग की थी।

एनसीआर में स्थित कुछ उद्योगों और उनके संगठनों द्वारा दायर याचिका को ठुकराते हुए न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को बताया कि सरकार ने खुद हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में प्रदूषण फैलाने वाले ईधन पर प्रतिबंध लगाया है।

2,000 कर्मचारियों वाले एक उद्योग की ओर से अदालत में पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि उन्हें (उद्योगों) बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस पर न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा, “इस तरह की दलील मत दीजिए।”

उन्होंने कहा, “हम भी इस न्यायालय को बंद कर सकते हैं।”

सर्वोच्च न्यायालय ने अक्टूबर में अपने आदेश में एनसीआर में पेट कोक और फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था। हालांकि, केंद्र सरकार ने न्यायालय के इस फैसले के संदर्भ में पूरे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में प्रदूषण फैलाने वाले ईधन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अधिसूचना जारी कर दी।

एनसीआर में पेट कोक, फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल संबंधी याचिका खारिज Reviewed by on . नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पेट कोक और फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने के लिए उद्योगों द्वारा दायर नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पेट कोक और फर्नेस ऑयल के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने के लिए उद्योगों द्वारा दायर Rating:
scroll to top