लीमा, 24 फरवरी (आईएएनएस)। एशिया-प्रशांत आर्थिक मंच (एपेक) ने यहां कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में रिश्वतखोरी को दंडित किया जाना चाहिए।
एपेक के भ्रष्टाचार निरोधी और पारदर्शी कार्य समूह की 22वीं बैठक में सदस्यों ने यह राय जाहिर की।
पेरू के महान्यायवादी पाब्लो सांचेज ने कहा, “भ्रष्टाचार विदेशी और घरेलू निवेश को हतोत्साहित कर सकता है, प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचा सकता है, बाजार की कार्यप्रणाली को बाधित कर सकता है तथा लोकसेवा और अवसंरचना परियोजनाओं का खर्च बढ़ा सकता है।”
कार्यसमूह के अध्यक्ष सांचेज पेरू के उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार-निरोधक आयोग के भी प्रमुख हैं।
सांचेज ने कहा, “एपेक सदस्य देशों के लिए यह एक चुनौती है कि नाकाफी कानूनी प्रावधानों के कारण इस तरह की आपराधिक गतिविधियों को दंडित करने के लिए कानूनी-व्यवस्था तैयार की जाए।”
उन्होंने कहा कि इस तरह की बैठकों से ब्लॉक के 21 देशों को भ्रष्टाचार से निपटने में एक-दूसरे के अनुभवों का आदान-प्रदान करने और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के भ्रष्टाचार से निपटने के नए उपायों से सीखने का अवसर मिलता है।
एपेक के 21 देशों में शामिल प्रमुख देशों में हैं : आस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, मेक्सिको, न्यूजीलैंड, पेरू, रूस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और अमेरिका।