नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली महिला आयोग में कथित अनियमितताओं से संबंधित प्राथमिकी (एफआईआर) में अपना नाम शामिल किए जाने को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।
आम आदमी पार्टी नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं नहीं जानता कि मेरा नाम प्राथमिकी में क्यों दर्ज है? बिना प्रधानमंत्री की स्वीकृति के एक मुख्यमंत्री का नाम एफआईआर में नहीं आता।”
केजरीवाल की प्रतिक्रिया दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा दिल्ली महिला आयोग में कथित भर्ती अनियमितताओं को लेकर मिली शिकायतों पर सोमवार रात आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद आई।
केजरीवाल ने पूछा, “इसमें मेरी क्या भूमिका है? प्राथमिकी में मेरी भूमिका का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।”
उन्होंने कहा कि आम लोगों के मामले में भी एफआईआर सतर्कता से दर्ज की जाती है। उन्होंने कहा, “एक मुख्यमंत्री के नाम शामिल करने से पहले उन लोगों ने कम से कम दस बार सोचा होगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उनका नाम शामिल करने के लिए शीर्ष स्तर से, विशेष रूप से प्रधानमंत्री से निर्देश मिले होंगे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरी जांच रिपोर्ट पढ़ी है। उनका नाम उसमें कहीं नहीं आया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि दिल्ली महिला आयोग ने कुछ गलत नहीं किया है। लेकिन, फिर भी इसमें उनकी क्या भूमिका है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘आप’ की वर्चस्व वाली विधानसभा में एफआईआर क्यों दर्ज की गई, ‘सही तथ्य’ क्या है और ‘विगत दो महीने में आम आदमी पार्टी के खिलाफ हुई घटनाओं समेत पूरी साजिश’ से संबंधित मुद्दों पर बहस की जाएगी।
स्वाति मालीवाल के खिलाफ शिकायत दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष व कांग्रेस नेता बरखा सिंह ने दर्ज कराई थी।
मालीवाल ने हालांकि आरोपों को खारिज किया है और पूछा है कि उनकी पूर्ववर्ती (बरखा सिंह) के कार्यकाल के समय हुई अनियमितताओं पर एसीबी ने क्यों ध्यान नहीं दिया है?
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद केंद्र सरकार ने एसीबी को अपने अधीन कर लिया था।